डॉ. आंबेडकर को प्रायः दलितों के उद्धारक के रूप में पहचाना जाता है जबकि वे सभी पददलित वर्गों दलितों और पिछड़ों के अधिकारों के लिए लड़े थे. परन्तु वर्ण व्यवस्था के कारण
मोहम्मद आरिफ नगरामी इस्लामी तकवीम का आगाज मोहर्रमुल हराम से होता है जिसका दूसरा महीना सफरूल मुजफ्फर है। मुसलमानों की कुछ तादाद इस महीने को मनहूस समझती है और बहुत सारी तकरीबात
रिसर्च सोसाईटी फॉर द स्टडी ऑफ़ डायबिटीज इन इंडिया (RSSDI) ने सनोफी इंडिया लिमिटेड (SIL) के साथ मिलकर जानकारी दी है कि टाइप-1 डायबिटीज (टी1डी) के लिए SIL के सामाजिक प्रभाव प्रोग्राम
मोहम्मद आरिफ नगरामी मुसलमान अपने दौरे फुतुहात में जहां कहीं भी गये अपने साथ इल्म तहज़ीब व तमददुन की रोशनी भी ले गये क्योंकि तारीख के इस राज को वह जान गये
मोहम्मद आरिफ नगरामी मौलाना जैाहर मोहम्मद अली जौहर 10 दिसम्बर 1878 को उत्तर प्रदेश रामपुर में पैदा हुए। आपने मुल्क व कौम के लिए बेपाया खिदमत अन्जा दी है। बाहैसियत सहाफी आप
साईकृष्णन श्रीनिवासन,प्रबंध निदेशक, एक्सपीरियन क्रेडिट इंफॉर्मेशन कंपनी ऑफ इंडिया इस स्वतंत्रता दिवस पर डिजिटल क्षेत्र के असीमित अवसरों को अपनाकर अपनी ऑनलाइन स्वतंत्रता का जश्न मनाएं और साथ ही इसकी कमजोरियों से
दिनकर कपूर , प्रदेश महासचिव, ऑल इंडिया पीपुल्स फ्रंट 80 बीघा के काश्तकार जमालुद्दीन कनहर बांध में जमीन डूबने से पूरी तौर पर तबाह हो गए हैं। 1976 में जब परियोजना शुरू
एस आर दारापुरी, राष्ट्रीय अध्यक्ष, आल इंडिया पीपुल्स फ्रन्ट बाबासाहेब डॉ. भीम राव अम्बेडकर न केवल महान कानूनविद, प्रख्यात समाज शास्त्री एवं अर्थशास्त्री ही थे वरन वे दलित वर्ग के साथ-साथ श्रमिक
अब्दुल गफ़्फ़ार सिद्दीकी9897565066 इस समय मेरे सामने जुलाई माह की कुछ खबरें हैं, जो एक विश्वसनीय व्हाट्सएप ग्रुप से ली गई हैं। इन खबरों से देश की नैतिक, सामाजिक स्थिति और कानून-व्यवस्था