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शीश महल बनाम स्वर्ण महल

(आलेख : राजेंद्र शर्मा) जिनके घर खुद शीशे के हों, उन्हें दूसरों के घरों पर पत्थर नहीं फैंकने चाहिए। यह पुरानी कहावत भी, ऐसा लगता है कि नरेंद्र मोदी के हिसाब से
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यह मुकेश की नहीं, बस्तर की पोस्टमॉर्टेम रिपोर्ट है!

(आलेख : बादल सरोज) ‘सिर पर 15 फ्रैक्चर्स, लीवर के 4 टुकड़े, दिल फटा हुआ,5 पसलियां, कॉलर बोन और गर्दन टूटी हुई, बांयी कलाई पर गहरा जख्म ; शरीर का एक भी
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कॉर्पोरेट बस्तर के सेप्टिक टैंक में दफ्न ‘लोकतंत्र’

(आलेख : संजय पराते) यदि पत्रकारिता लोकतंत्र की जननी है या पत्रकार लोकतंत्र के चौथे स्तंभ हैं, तो यकीन मानिए, 3 जनवरी की रात वह बस्तर के बीजापुर में एक राज्य-पोषित ठेकेदार
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हीरे का मोल आप क्या जानें!

राजेंद्र शर्मा का व्यंग्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन की पत्नी को 2023 में सबसे महंगा तोहफा दिया था।थैंक यू मोदी जी, आपने भारत को दुनिया से विश्व गुरु मनवा
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ईश्वर-अल्लाह एक नहीं हो सकते!

राजेंद्र शर्मा आखिर ये मोदी जी के विरोधी चाहते क्या हैं? हिंदू क्या अपने धर्म की रक्षा भी नहीं करें। और वह भी हिंदुस्तान में। आखिर, पटना में अटल जी के जन्म
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सिर्फ कैलेंडर के बदलने से नहीं बदलेंगे हालात

(आलेख : बादल सरोज) नववर्ष की शुभकामनायें, और जैसा कि कहे जाने का रिवाज़ है उसके साथ कि, यह नया साल – 2025 – आपके लिए पिछले सभी वर्षों की अपेक्षा बेहतर
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2025 : दिल्ली और विपक्षी एकजुटता

(आलेख : राजेंद्र शर्मा) नये साल, 2025 के संबंध में, गुजरता हुआ साल जाते-जाते कुछ महत्वपूर्ण संकेत दे गया है। इनमें प्रमुख चुनावी संकेतों पर नजर डाल ली जाए। गुजरे हुए साल
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जनता को अधिकारहीन करने का खेल : अधिकार-आधारित मनरेगा और उसके प्रति शत्रु भाव

(आलेख : प्रभात पटनायक, अनुवाद : राजेंद्र शर्मा) फ़ासीवादी सरकारों का मकसद जनता को अधिकारहीन बनाना होता है और मोदी सरकार इसका अपवाद नहीं है। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना
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आर्थिक असमानता : क्या भारत सरकार पिकेटी के ‘कराधान’ प्रस्ताव को मानेगी?

(आलेख : शुभम शर्मा, सुमित दहिया ; अनुवाद : संजय पराते) फ्रांसीसी अर्थशास्त्री और मशहूर किताब ‘कैपिटल इन द ट्वेंटी फर्स्ट सेंचुरी’ के लेखक थॉमस पिकेटी हाल ही में भारत आए थे।