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भ्रष्टाचार न भवति!

(आलेख : राजेंद्र शर्मा) “दस साल में पीएम मोदी पर 10 पैसे के भ्रष्टाचार का आरोप भी नहीं।” अगर इस बयान की पृष्ठभूमि इतनी विडंबनापूर्ण नहीं होती, तो मोदी राज में निर्विवाद
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डंका बजते-बजते फटने की गारंटी

(व्यंग्य :राजेंद्र शर्मा) भई कोई कुछ भी कहे, दुनिया में डंका तो बज रहा है। और कैसे नहीं बजता। जब मोदी जी बजवा रहे हैं, तो डंका तो बजना ही था। आखिर,
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मुंहबली बाबा और 400 पार का शोर!

(आलेख : बादल सरोज) पहले इस संसद के आख़िरी सत्र में और उसके बाद इसी रविवार को भाजपा सुप्रीमो नरेंद्र मोदी ने इस बार चार सौ पार का नारा देकर अपनी पार्टी
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रेफ्रिजरेटर में अपने भोजन को अधिक समय तक ताज़ा रखने के लिए स्मार्ट टिप्स

हममें से अधिकांश लोग अक्सर सामग्री और पसंदीदा खाद्य पदार्थ को लंबे समय तक ताज़ा रखने और उन्हें सुरक्षित तरीके से उपभोग के लिए रेफ्रिजरेटर में स्टोर करते हैं। इस तरह एक
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एमएसपी कानून की गलत आलोचनाओं का खंडन

(आलेख : विकास रावल, अनुवाद : संजय पराते) किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी देने वाले कानून की अक्सर सुनी जाने वाली आलोचनाओं का जवाब देने के लिए यह आलेख
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मोदी जी के राम राज्य में स्वागत है!

(आलेख : राजेंद्र शर्मा) “सिर्फ (राम) मंदिर ही नहीं बना है, बल्कि प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले दस साल में व्यावहारिक रूप से राम राज्य की अवधारणा को लागू कर दिया है।” ये
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भारत रत्न बना राजनीतिक सहयोगी फंसाने का चारा!

(आलेख : बादल सरोज) बाकी भले देश की माली और समाजी दरो-दीवारों पर सब्जा उग रहा हो और सारी उम्मीदें बयाबां में मुंह छुपाये खड़ी हों, घर में भारत रत्नों की बहार-सी
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उत्तराखंड समान नागरिक संहिता : एक बहुसंख्यकवादी संहिता — न समान, न सिविल

(आलेख : बृंदा करात, अनुवाद : संजय पराते) उत्तराखंड विधानसभा द्वारा मंजूर की गई उत्तराखंड समान नागरिक संहिता इस बात का एक अच्छा उदाहरण है कि क्यों न्यायमूर्ति एस.बी. चौहान की अध्यक्षता
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विदाई 17वीं लोकसभा की या संसदीय व्यवस्था की

(आलेख : राजेंद्र शर्मा) संसदीय जनतांत्रिक व्यवस्था में अगर कार्यपालिका या सत्ताधारी, संसद पर अपनी मनमर्जी थोपने में समर्थ हो, तो इसे संसदीय व्यवस्था का अंत ही माना जाना चाहिए। इसके बाद,
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दिल जीतना सीखो जी!

(व्यंग्य : राजेंद्र शर्मा) पता है, अपने मोदी जी एक सौ चालीस करोड़ भारतीयों के दिलों पर क्यों राज करते हैं? मीडिया को गोदी में बैठा के? — ना। विपक्ष को डरा