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महात्मा अब बापू बने, जिनके रूप अनेक!

(आलेख : संजय पराते) इस देश में महात्मा केवल एक है — महात्मा गांधी, रघुपति राघव राजाराम वाले महात्मा गांधी। वहीं महात्मा गांधी, जो इस देश की बहुलतावादी संस्कृति का प्रतिनिधित्व करते
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कांशीराम की बहुजन राजनीति ने दलितों के अम्बेडकरवादी राजनीतिक, सामाजिक और बौद्ध आंदोलनों के साथ क्या किया?

 एस आर दारापुरी, राष्ट्रीय अध्यक्ष, आल इंडिया पीपुल्स फ्रन्ट 20वीं सदी के उत्तरार्ध में कांशीराम का उदय भारत की दलित और बहुजन राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ था। डॉ. बी.आर. आंबेडकर द्वारा
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मूर्खता के मंत्र से धूर्तता की साधना

(आलेख : बादल सरोज) इस सप्ताह शुरुआत राजनाथ सिंह ने की। उन्हें कुछ लोग उनकी पार्टी के रेवड़ में अलग तरह की – कम मरखनी, कम कटखनी प्रजाति — का मानते हैं।
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राजनाथ से माफ़ी की मांग, ये तो नाइंसाफ़ी है यारो!

राजेंद्र शर्मा देखा-देखा, विपक्ष वालों का नकलचीपन देखा! कह रहे हैं कि राजनाथ सिंह को देश के पहले प्रधानमंत्री, नेहरू जी के बारे में झूठ बोलने के लिए माफी मांगनी चाहिए। अब
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सर्दियों में इंजन प्रोटेक्शन और रोडसाइड असिस्टेंस जैसे ऐड-ऑन क्यों महत्वपूर्ण हैं

राकेश कौलचीफ डिस्ट्रीब्यूशन ऑफिसर – रिटेल बिज़नेस, बजाज जनरल इंश्योरेंस लिमिटेड (पूर्व नाम बजाज आलियांज़ जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड) सर्दियों में गाड़ी चलाने के लिए केवल गर्म कपड़े पहनना और हीटर चालू
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ख़तरे की घंटी : साम्राज्यवादी देशों का बढ़ता सैन्यीकरण

(आलेख : प्रभात पटनायक, अनुवाद : राजेंद्र शर्मा) इसी साल जून में हुए नाटो के शिखर सम्मेलन की घोषणा में, सभी नाटो देशों ने इसके लिए सहमति दी है कि 2035 तक
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नफरती गैंग को मुंहतोड़ जवाब : हिंदू-मुस्लिम-ईसाइयों का केरल मॉडल!

(आलेख : सिद्धार्थ रामू) कैसे हिंदू-मुस्लिम-ईसाइयों ने एक साथ मिलकर केरल को भारत का सबसे उन्नत प्रदेश बनाया और दुनिया के विकसित देशों के समकक्ष खड़ा कर दिया-केरल मॉडल न केवल भारत
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चीन दुनिया का सबसे बड़ा सरमायेदार!

(आलेख : जसविंदर सिंह) ट्रम्प और अमेरिका की विदेश नीति चीन को केंद्र में रखकर ही निर्धारित होती है l इसलिए ट्रम्प का चीन राग उसकी व्यक्तिगत सनक की वज़ह से नहीं
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अयोध्या कांड : हिन्दू राष्ट्र की ओर बढ़ने की हड़बड़ी में संघी कुनबा

(आलेख : बादल सरोज) लोकसभा चुनाव के पहले अभूतपूर्व तामझाम के साथ अयोध्या में जिस राम मन्दिर की प्राण प्रतिष्ठा हो चुकी थी, अचानक 22 महीने बाद उसके ध्वजारोहण के नाम पर
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नहीं रहे महान अकबर और टीपू सुल्तान!

राजेंद्र शर्मा चलिए, अब ऑफिशियल हो गया। आरएसएस के प्रचार सचिव, आंबेकर साहब ने खुद अपने श्रीमुख से इसका एलान किया है कि अकबर और टीपू सुल्तान अब ‘‘महान’’ नहीं रहे। आजादी