(आलेख : राजेंद्र शर्मा) दो दिनों में फैले आरएसएस के शताब्दी वर्ष के केंद्रीय आयोजनों ने जितने बलपूर्वक उसके बुनियादी तौर पर एक राजनीतिक संगठन और वर्तमान सत्ता की राजनीति करने वाला
एस. आर. दारापुरी डॉ. भीमराव रामजी आंबेडकर (1891-1956), भारतीय संविधान के प्रमुख निर्माता और भारत के पहले कानून मंत्री, भारतीय समाज के सबसे उत्पीड़ित सामाजिक तबके – तथाकथित “अछूतों” से आए थे।
(आलेख : जवरीमल्ल पारख) भारतीय तिथि के अनुसार 2 अक्टूबर 2025 को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की स्थापना को सौ वर्ष पूरे हो चुके हैं। पिछले 11 वर्षों से आरएसएस, जो एक
अमृता दासगुप्ता द्वारा(मूल अंग्रेजी से हिन्दी अनुवाद: एस आर दारापुरी आईपीएस (सेवानिवृत)प्रोफ़ेसर मरूना मुर्मू (जादवपुर विश्वविद्यालय, इतिहास विभाग की प्रोफ़ेसर) का जातिवादी अपमान जारी है। हाल ही में, उनसे अदालत में यह
राजेंद्र शर्मा गुरु गुड़ रहा और चेला शक्कर हो भी गया तो क्या? आखिर, मोदी जी के संगठन रूपी गुरु का मामला था। चेला बादल देखकर बेनिफिट ले सकता था, तो गुरु
(नोट: सिद्धार्थ रामू का यह लेख बहुत सारगर्भित एवं सामयिक है खास करके हिन्दू राष्ट्र के खतरे के सम्मुख। यह बाबासाहेब के संघर्ष के मूल मुद्दों को स्पष्ट रूप से चिन्हित करता
(आलेख : सवेरा, अनुवाद : संजय पराते) भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ द्वारा हाल ही में ऑनलाइन पोर्टल न्यूज़लॉन्ड्री को दिए गए साक्षात्कार में उनके विचारों के कुछ सनसनीखेज और
एसआर दारापुरी, आई.पी.एस. (सेवानिवृत्त) भारत के वस्तुतः हिंदू राष्ट्र बनने की अवधारणा—एक ऐसा राष्ट्र जहाँ शासन, कानून और समाज में हिंदू पहचान और मूल्यों को प्राथमिकता दी जाती है—राजनीतिक और सामाजिक विमर्श
(मूल अंग्रेजी से हिन्दी अनुवाद: एस आर दारापुरी, राष्ट्रीय अध्यक्ष, अल इंडिया पीपुल्स फ्रन्ट) आज भारत में, प्यार और दोस्ती को निजी दायरे से निकालकर राजनीति के मैदान में फेंक दिया गया
भारत के प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी की सफलताएँ नरेंद्र मोदी 2014 से भारत के प्रधानमंत्री के रूप में कार्यरत हैं और अपनी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कम बहुमत के