Tweet about this on TwitterShare on LinkedInEmail this to someoneShare on FacebookShare on Whatsapp

दुर्ग में दरार! : उत्तरप्रदेश में हिन्दुत्व को मिली शिकस्त के क्या मायने हैं?

(आलेख : सुभाष गाताडे) ‘जोर का झटका धीरे से लगे’ — किसी विज्ञापन की या किसी गाने में इस्तेमाल यह बात फिलवक्त़ भाजपा को मिले चुनावी झटके की बखूबी व्याख्या करती दिख
Tweet about this on TwitterShare on LinkedInEmail this to someoneShare on FacebookShare on Whatsapp

मजबूरी का नाम एनडीए

(आलेख : राजेंद्र शर्मा) बेशक, 9 जून की शाम को राष्ट्रपति भवन के कोर्टयार्ड में पूरे बहत्तर सदस्यों के जंंबो मंत्रिमंडल के शपथ ग्रहण के साथ, नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार
Tweet about this on TwitterShare on LinkedInEmail this to someoneShare on FacebookShare on Whatsapp

कुलविंदर का हाथ और कंगना का गाल

(आलेख : बादल सरोज) गुरुवार की दोपहर चंडीगढ़ हवाई अड्डे पर जो घटा, उसके बाद की वीडियोज कुलविंदर कौर जी की भी हैं और कंगना रनौत जी की भी हैं – मगर
Tweet about this on TwitterShare on LinkedInEmail this to someoneShare on FacebookShare on Whatsapp

सांप्रदायिक खोल में एक वर्गीय एजेंडा

(आलेख : प्रभात पटनायक) विरासत कर के मुद्दे पर भाजपा का रुख इसका एक स्पष्ट उदाहरण है कि फासीवादी संगठन किस तरह से काम करते हैं। यह एक जाना-माना तथ्य है कि
Tweet about this on TwitterShare on LinkedInEmail this to someoneShare on FacebookShare on Whatsapp

“प्रगट कृपाला दीनदयाला” देवदूत मोदीजी, आपको हमारा नमस्कार!

(व्यंग्य : विष्णु नागर) अपने मोदी जी को लगने लगा है कि वे देवदूत हैं। इन्हें ऐसी अनुभूति होने लगी है कि इन्हें इनकी मां ने जन्म नहीं दिया है। इन्होंने बायोलाजिकली
Tweet about this on TwitterShare on LinkedInEmail this to someoneShare on FacebookShare on Whatsapp

भैंस की पूंछ पकड़ वैतरणी पार करने के मुंगेरीलाली ख्वाब

(आलेख : बादल सरोज) सिर्फ श्याम रंगीला ही परेशान नहीं है — नामी स्टैंडअप कॉमेडियन्स की टी आर पी गिरने की आशंकाएं वास्तविक संभावनाएं बनती दिख रही हैं, क्योंकि लोग मिमिक्री से
Tweet about this on TwitterShare on LinkedInEmail this to someoneShare on FacebookShare on Whatsapp

मोदी-शाह के कहने पर मायावती ने बसपा को भाजपा की बी-टीम में बदल दिया

अरुण श्रीवास्तव द्वारा(मूल अंग्रेजी से हिन्दी अनुवाद: एस आर दारापुरी, राष्ट्रीय अध्यक्ष, आल इंडिया पीपुल्स फ्रन्ट) यदि दलितों की महारानी मायावती ने अपने दलित साथियों को धोखा दिया है, तो स्वघोषित विश्व
Tweet about this on TwitterShare on LinkedInEmail this to someoneShare on FacebookShare on Whatsapp

अब एक चुनाव, एक उम्मीदवार!

(व्यंग्य : राजेंद्र शर्मा) मोदी जी ने क्या कुछ गलत कहा था? राहुल गांधी अमेठी से भागे हैं कि नहीं। अमेठी से भागकर बगल में रायबरेली में गए हैं, पर भागे तो
Tweet about this on TwitterShare on LinkedInEmail this to someoneShare on FacebookShare on Whatsapp

पिक्चर तो अभी बाक़ी है, दोस्त!

(व्यंग्य : राजेंद्र शर्मा) हम तो पहले ही कह रहे थे, ये इंडिया वाले क्या खाकर मोदी जी का मुकाबला करेंगे। कहां मोदी जी की छप्पन इंच की छाती और कहां इनका
Tweet about this on TwitterShare on LinkedInEmail this to someoneShare on FacebookShare on Whatsapp

आज के दौर में ट्रेड यूनियन आंदोलन और चुनौतियां

(अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस पर विशेष आलेख : संजय पराते) आजादी के आंदोलन में ट्रेड यूनियनों की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका रही है| वैसे तो वर्ष 1920 में आल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एटक)