(आलेख : राजेंद्र शर्मा) नये साल, 2025 के संबंध में, गुजरता हुआ साल जाते-जाते कुछ महत्वपूर्ण संकेत दे गया है। इनमें प्रमुख चुनावी संकेतों पर नजर डाल ली जाए। गुजरे हुए साल
(आलेख : प्रभात पटनायक, अनुवाद : राजेंद्र शर्मा) फ़ासीवादी सरकारों का मकसद जनता को अधिकारहीन बनाना होता है और मोदी सरकार इसका अपवाद नहीं है। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना
(आलेख : शुभम शर्मा, सुमित दहिया ; अनुवाद : संजय पराते) फ्रांसीसी अर्थशास्त्री और मशहूर किताब ‘कैपिटल इन द ट्वेंटी फर्स्ट सेंचुरी’ के लेखक थॉमस पिकेटी हाल ही में भारत आए थे।
(आलेख : राम पुनियानी) हाल (दिसंबर 2025) में संसद में चर्चा के दौरान गृहमंत्री अमित शाह ने अपने भाषण में एक ओर बाबासाहेब अम्बेडकर का अपमान किया, तो दूसरी ओर यह साबित
(आलेख : शुभम शर्मा, अनुवाद : संजय पराते) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सबसे करीबी और भारत के गृह मंत्री अमित शाह के एक बयान ने संसद में खलबली मचा दी है। शाह
(आलेख : बादल सरोज) 🔵 संविधान पर हुई बहस में प्रधानमंत्री मोदी लगभग दो घंटा बोले, मगर ठीक वही बात नहीं बोली, जो बोलनी थी। लोकसभा में अपने कुल 110 मिनट के
(आलेख : प्रभात पटनायक, अनुवाद : राजेंद्र शर्मा) भारतीय संविधान की उद्देशिका से ‘‘समाजवाद’’ की संज्ञा को हटाने की एक याचिका पर सुनवाई करते हुए, 22 नवंबर को भारत के मुख्य न्यायाधीश
(आलेख : बादल सरोज) हादसे वक्त के गुजरने के साथ अपने आप बेअसर नहीं होते, जख्म खुद-ब-खुद नहीं भरते। इसका उलट जरूर होता है, गुनाह अगर सही तरीके से, बिना कोई रू-रियायत