(आलेख : बादल सरोज) चुनाव के पहले ही चुनाव बाद की सौ दिन की योजना का जो एलान किया गया था, उसकी शुरुआत लेखिका और एक्टिविस्ट अरुंधती राय और कश्मीर के शिक्षाविद
(आलेख : बादल सरोज) बुजुर्गवार कह गए हैं कि इच्छाओं की कोई सीमा नहीं होती, वे लालच से लालसा में परिवर्तित होते हुए हवस तक पहुँचने की सम्भावनाओं से भरी होती हैं।
एस आर दारापुरी, राष्ट्रीय अध्यक्ष, आल इंडिया पीपुल्स फ्रन्ट उत्तर प्रदेश की नगीना लोकसभा सीट इसलिए चर्चा में है क्योंकि इस सीट से पहली बार आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के अध्यक्ष चंद्रशेखर
-फ़िरदौस ख़ान राहुल गांधी किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं. वे देश और राज्यों में सबसे लम्बे अरसे तक हुकूमत करने वाली कांग्रेस के अध्यक्ष रहे हैं. हाल के लोकसभा चुनाव में
अभिषेक बोस द्वारा (मूल अंग्रेजी से हिन्दी अनुवाद: एस आर दारापुरी, राष्ट्रीय अध्यक्ष, आल इंडिया पीपुल्स फ्रन्ट) जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के ऐतिहासिक अध्ययन केंद्र से इतिहास में डॉक्टरेट की उपाधि। उनका शोध
एस आर दारापुरी, राष्ट्रीय अध्यक्ष, आल इंडिया पीपुल्स फ्रन्ट हाल में दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार ने प्रसिद्ध लेखिका एवं सामाजिक कार्यकर्ता अरुंधति रॉय और शेख शौकत हुसैन, (कश्मीर केंद्रीय विश्वविद्यालय में
(आलेख : जवरीमल्ल पारख) 9 जून को नरेंद्र मोदी ने तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। उनके साथ 71 अन्य मंत्रियों ने भी शपथ ली, जिनमें पांच कैबिनेट मंत्री और छह
(आलेख : सुभाष गाताडे) ‘जोर का झटका धीरे से लगे’ — किसी विज्ञापन की या किसी गाने में इस्तेमाल यह बात फिलवक्त़ भाजपा को मिले चुनावी झटके की बखूबी व्याख्या करती दिख