मो. आरिफ़ नगरामी उत्तर प्रदेश के वजीरे आला योगी आदित्य नाथ जी के अफसरों ने सूबे मेें एक और मस्जिद को गैर आईनी और गैर कानूनी तौर पर शहीद करके अकलियतों को
मो. आरिफ़ नगरामी कोराना वायरस के हालिया और खतरनाक दौर में जिस तरह मुअम्मिर अफराद के साथ साथ इल्म व दानिश के चिरागों का बुझ जाना बेहद तकलीफ देह है जिससे इस
-मो. आरिफ़ नगरामी हिन्दुस्तान के पहले वजीरे आजम पं0 जवाहर लाल नेहरू के नवासे, साबिक वजीरे आजम, इन्दिरा गांधी के बेटे, कांग्र्रेस के मौजूदा कायम मकाम सदर, सोनिया गाँधी के शौहर और
ज़ीनत शम्स यूपी की राजधानी लखनऊ से सटे बाराबंकी ज़िले के रामसनेही घाट तहसील में एक सौ साल पुरानी मस्जिद को प्रशासन ने ध्वस्त कर दिया और उसका मलबा वहां से हटाकर
डॉ सुबोध कुमार सिंह द्वारा संकलितMBBS , MS ,MCh ,DNBप्लास्टिक सर्जरी म्यूकर माइकोसिस एक काली फंगस है जोकि चेहरे नाक ,साइनस , आँख और दिमाग में फैलकर उसको नष्ट कर देती है।
हसन ज़ैदी, जर्नलिस्ट, कार्टूनिस्ट लखनऊ में स्कूलिंग, मसकट और लंदन में आगे की पढ़ाई, फॉरेन रेडियो में जॉब के साथ मैनेजमेंट की पढ़ाई। इसके बाद एक्टिंग और क्रिकेट का शौक उन्हें वापस
मोहम्मद आरिफ नगरामी इस्लाम एक फित्री मजहब है जिस ने इन्सान की हर जरूरत को हर मौके पर पूरा किया उसकी तालीम दी है एक तरफ एहकामात खुदावंदी इबादतें है नमाज रोजा
मो. आरिफ़ नगरामी काबिले जिक्र शख्सियतें अपने अन्दर औसाफे कमालात,खिदमात और बरकात की ऐसी जानवाज खुशबू रखती हैं कि उनसे जो भी मिलता है मुअत्तर और मसरूर हो जाता है। और जब