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क्या होगा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ नारे का? जब इनकी सुरक्षा का पुख्ता प्रबंध ही न हो!

अशोक भाटिया अखबारों की सुर्खियों पर नजर डालें तो हर रोज कोई न कोई लड़की शोहदों की छेड़खानी से त्रस्त होकर आत्महत्या कर लेती है। कहीं बलात्कार हो रहे हैं तो कहीं
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शायरी को शमशीर बनाके चला गया “राहत”

तौसीफ कुरैशी 1 जनवरी 1950 को इंदौर में जन्मे राहत क़ुरैशी इंदौरी ने लगभग 16 वर्षों से अधिक उर्दू साहित्य को इंदौर विश्वविद्यालय में पढ़ाया।उनके 6 से अधिक ग़ज़ल संग्रह प्रकाशित हुए।
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एक सदमा है ऐ “राहत” यूँ गुज़रना तेरा

ज़ीनत सिद्दीक़ी आज अचानक राहत साहब के यू गुज़र जाने पर उनके तमाम आशिक सदमे में हैं. किसी को यकीन नहीं हो रहा कि महफिलों और मुशायरों की कई सालों तक रौनक
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क़ज़ाक़िस्तान: एक ऐसा इस्लामी देश, जो आजतक किसी समस्या में नहीं फंसा

ज़रा सोचें दुनिया में कौन सा वह इस्लामी देश है जहां आर्थिक, राजनीतिक, तथा आतंरिक व अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा के मामले में स्थिरता पायी जाती हो? अगर आप दुनिया का नक्शा उठा कर
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सबके राम फिर कांग्रेस में क्यों संग्राम ?

अशोक भाटिया अयोध्या में भूमि पूजन पर कांग्रेस की तरफ से मुख्य तौर पर तीन तरह की बातें सामने आयीं. एक कमलनाथ का भगवाधारी होकर राम मंदिर निर्माण के श्रेय में राजीव
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कश्मीर में सरकार की कार्रवाई का एक वर्ष

रामचंद्र गुहा (अंग्रेजी से हिंदी अनुवाद: एस आर दारापुरी, राष्ट्रीय प्रवक्ता, आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट) आज 5 अगस्त 2019 को, संविधान के अनुच्छेद 370 को भारत सरकार द्वारा एक मृत पत्र का
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कांग्रेस में नए-पुराने की जंग

लखनऊ से तौसीफ़ क़ुरैशी राज्य मुख्यालय लखनऊ ।देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस के अंदर भी संकट का दौर चल रहा है। कहते है जब बुरा दौर चल रहा होता है तो
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आईपीएस नेतृत्व पुलिस पर लगाम लगाने में नाकाम रहा है

ए.पी. दुरई, आईपीएस (से.नि.) (देर से, भारत के पुलिस बलों ने गलत कारणों से सुर्खियां बनाई हैं, जैसे कि गैर-कानूनी हत्याएं और हिरासत में मौतें। जो और अधिक परेशान करने वाला है
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दलित राजनीति को एक रैडिकल एजेंडे के साथ आगे बढ़ने की ज़रुरत

-एस. आर. दारापुरी आईपीएस(से.नि.)एवं राष्ट्रीय प्रवक्ता आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट अब तक दलित राजनीति/दलित आंदोलन केवल सरकारी नौकरियों में आरक्षण बचाने तक ही सीमित रहा है और दलित नेता सत्ता हासिल करने
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ईदे कुरबां

मो. आरिफ नगरामी जिल हिज्जा की आमद कुरबानी व हज का पैगाम लाती है। कुरबानी का ख्याल आते ही इस्माईल जबीह उल्लाह की गर्दन पर इब्राहीम अलै के छुरी चलाने का मंजर