टीम इंस्टेंटखबर
सीमा सुरक्षा बल के तीन राज्यों में अधिकार क्षेत्र बढ़ाए जाने के खिलाफ पंजाब ने सुप्रीम कोर्ट पहुंचने वाला पंजाब पहला राज्य बन गया है। पंजाब सरकार ने अपनी याचिका में केंद्र के फैसले को देश के संघीय ढांचे में हस्तक्षेप करने का प्रयास बताया है।

पंजाब सरकार ने कहा, ‘केंद्र के फैसले का असर पाकिस्तान से सटे जिलों के 80 फीसदी हिस्सों पर पड़ेगा जबकि संविधान ने कानून-व्यवस्था बनाए रखने का अधिकार और पुलिस को ‘राज्य सूची’ में रखा है। यह अधिकार राज्य सरकार को दिया गया है। लेकिन यहां इस अधिसूचना के माध्यम से राज्यों के अधिकार क्षेत्र का अतिक्रमण किया जा रहा है।’

पंजाब की ओर से याचिका में कहा गया है कि केंद्र ने अपना आदेश जारी करने से पहले राज्य से परामर्श नहीं किया था। वहीं, इस मामले अपना पक्ष रखने के लिए केंद्र को भी तलब किया गया है। रजिस्ट्रार ने अटॉर्नी-जनरल के माध्यम से 28 दिनों में जवाब दाखिल करने के लिए एक नोटिस जारी किया। इसके बाद मामले को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाएगा।

दरअसल, केंद्र ने हाल में बीएसएफ कानून में संशोधन कर पंजाब, पश्चिम बंगाल और असम में अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगते 15 किलोमीटर के दायरे के बजाए 50 किलोमीटर के दायरे में सुरक्षा बलों को तलाशी, जब्ती और गिरफ्तारी का अधिकार दिया था।

विवाद की जड़ यही संशोधन है। इसे लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी अपनी नाराजगी जता चुकी हैं। ममता ने गुरुवार को कहा कि कानून-व्यवस्था राज्य का विषय है और बांग्लादेश की सीमा से लगते नादिया जिले की पुलिस को निर्देश दिया कि बीएसएफ को उसके अधिकार क्षेत्र के बाहर के इलाकों में प्रवेश करने से रोकें।