Tweet about this on TwitterShare on LinkedInEmail this to someoneShare on FacebookShare on Whatsapp

इस्लामी तक़वीम का दूसरा महीना सफरूल मुज़फ़्फ़र

मोहम्मद आरिफ नगरामी इस्लामी तकवीम का आगाज मोहर्रमुल हराम से होता है जिसका दूसरा महीना सफरूल मुजफ्फर है। मुसलमानों की कुछ तादाद इस महीने को मनहूस समझती है और बहुत सारी तकरीबात
Tweet about this on TwitterShare on LinkedInEmail this to someoneShare on FacebookShare on Whatsapp

बिलकीस बानो अगर बिमला देवी होती?

-योगेन्द्र यादव 15 अगस्त से बार-बार मेरे जेहन में ही हिंदी के महान कवि सर्वेश्वर दयाल सक्सेना की प्रसिद्ध कविता ‘देश कागज पर बना नक्शा नहीं होता’ गूंज रही है। इधर देश
Tweet about this on TwitterShare on LinkedInEmail this to someoneShare on FacebookShare on Whatsapp

बड़ी बात रखने और फेंकने का फ़र्क

-योगेन्द्र यादव प्रधानमंत्री ने लाल किले की प्राचीर से एक बड़ी बात कही। उन्होंने कहा कि आज़ादी की अमृत जयंती के अवसर पर हम सिर्फ अतीत का गुणगान न करें, बल्कि आने
Tweet about this on TwitterShare on LinkedInEmail this to someoneShare on FacebookShare on Whatsapp

देश की आजादी में उलमाओं के बलिदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता

डॉक्टर मोहम्मद नजीब कासमी सम्भली भारत में विभिन्न रंगों के, विभिन्न भाषा बोलने वाले और विभिन्न धर्मों के मानने वाले लोग लम्बे समय से रहते चले आ रहे हैं। मक्का मुकर्रमा में
Tweet about this on TwitterShare on LinkedInEmail this to someoneShare on FacebookShare on Whatsapp

देश की आजादी के लिए जाम-ए-शहादत पीने वाले ओलेमा

हर साल की तरह इस साल भी जश्न-ए-आजादी के मौके पर पूरे भारत में सभी रियासती सरकारें चाहे वह दांए बाजू की पार्टी हों या बाऐं बाजू की हों, या नाम निहाद
Tweet about this on TwitterShare on LinkedInEmail this to someoneShare on FacebookShare on Whatsapp

ज़मीन हिलती थी और आसमान रोता था

ज़मीन हिलती थी और आसमान रोता था,ज़मीने गर्म पे सिब्ते नबी का लाशा था। आज की तारीख़ इसलाम की सरबुलंदी और यज़ीदी मुसलमानों की पस्ती की है। इमाम हुसैन तीन दिन के
Tweet about this on TwitterShare on LinkedInEmail this to someoneShare on FacebookShare on Whatsapp

यौमे आशूरह का पैग़ाम उम्मते मुस्लिमा के नाम

मोहम्मद आरिफ नगरामी आज यौमे आशूरह है। आज का दिन जमाने कदीम से काफी अहमियत का हामिल रहा है। बाज रवायात के मुताबिक उसी दिन हजरत आदम अ. को दुनिया मं उतार
Tweet about this on TwitterShare on LinkedInEmail this to someoneShare on FacebookShare on Whatsapp

इमाम हुसैन किसी मिल्लत, मज़हब या मुल्क की जागीर नहीं

हुसैन से मिली इंसानियत को ऐसी हयात,यज़ीद आते रहे पर उसे मिटा न सके। आज मुहर्रम की सातवीं तारीख़ है। आज ही के दिन से रसूल ख़ुदा मोहम्मद मुस्ताफ़ा (स) के निवासे
Tweet about this on TwitterShare on LinkedInEmail this to someoneShare on FacebookShare on Whatsapp

ख़ूने अबूतालिब की क्या शान निराली है

ख़ूने अबूतालिब की क्या शान निराली है,इस्लाम बचाने को यह काम सदा आया। आज मुहर्रम की छठवीं तारीख़ हैं। जैसे जैसे दिन गुज़र रहे हैं करबला का वह ख़ूनी मंज़र दिलो दिमाग
Tweet about this on TwitterShare on LinkedInEmail this to someoneShare on FacebookShare on Whatsapp

लखनऊ का मुहर्रम और अज़ादारी सारी दुनिया मेें मशहूर है

मोहम्मद आरिफ नगरामी माहे मुहर्रम कमरी कलेण्डर का पहला महीना है और इस महीने की दसवीं तारीख को करबला के मैदान में नवासये रसूल सल0 हजरत हुसैन रजि0 मय अपने 72 अइज्जा