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कानपुर के बाद उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में भी खतरनाक जीका वायरस के मरीज़ मिलने से हड़कम्प मच गया है. राजधानी लखनऊ में इस वायरस के दो मामले सामने आए हैं। उत्तर प्रदेश सरकार में चिकित्सा और स्वास्थ्य महानिदेशक, वेद व्रत सिंह ने कहा कि लखनऊ के हुसैनगंज और एलडीए कॉलोनी इलाकों में एक-एक जीका वायरस का मामले सामने आए हैं।

कानपुर में जीका के अब तक सौ से भी ज़्यादा मामले सामने आए हैं। कन्नौज जिले से एक मामला सामने आया और लखनऊ उत्तर प्रदेश का तीसरा जिला है जहां जीका वायरस के मामले सामने आए है। लखनऊ में जीका वायरस के संक्रमितों के नमूनों का परीक्षण यहां किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में किया गया और रिपोर्ट गुरुवार शाम को आई।

लखनऊ में वेक्टर जनित रोग नियंत्रण के आधिकारिक प्रभारी, के.पी. त्रिपाठी ने कहा कि ‘दोनों मरीज (लखनऊ में) स्थिर हैं और उनमें कोई लक्षण नहीं है। हमने करीबी संपर्को के नमूने लिए हैं और उनके घरों के आसपास फॉगिंग और एंटी-लार्वा स्प्रे करवाए हैं। इससे ज्यादा नमूने लिए जाएंगे।’

मरीजों में से एक लखनऊ के हुसैनगंज इलाके का रहने वाला 30 वर्षीय व्यक्ति है। दूसरी मरीज़ कानपुर रोड पर कृष्णा नगर इलाके की 24 वर्षीय युवती है। त्रिपाठी ने कहा कि ‘हमने दोनों संक्रमितों को अलग कर दिया है और उनके परिवार के सदस्यों को भी घर पर रहने के लिए कहा है। 50 मीटर के क्षेत्र में पड़ोसियों को जीका वायरस के खिलाफ निवारक उपायों के बारे में शिक्षित किया गया है। शुक्रवार को, हम 100 मीटर में आने वाले लोगों की जांच करेंगे। क्षेत्र और फॉगिंग रात के दौरान फिर से की जाएगी।’

उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री, जय प्रताप सिंह ने कहा कि जीका वायरस के प्रसार को रोकने के लिए तेजी से कार्रवाई की गई है, इसके फैलने का प्रमुख कारण कानपुर चकेरी एयरबेस कैंप में पाया गया पहला मामला है। प्रभावित व्यक्तियों के संपर्क में आने वाले लोगों का भी वायरस पॉजिटिव आया है। अब सर्विलांस के जरिए संवेदनशील समूहों की जांच कर पहचान की जा रही है। मुख्य रूप से एडीज इजिप्टी मच्छर द्वारा प्रेषित वायरस के कारण होने वाली एक वेक्टर जनित बीमारी, जीका वायरस के लक्षणों में हल्का बुखार, चकत्ते, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, अस्वस्थता या सिरदर्द शामिल हैं।