टीम इंस्टेंटखबर
“द लैंसेट” की स्‍टडी के मुताबिक भारत बायोटेक द्वारा तैयार की गई “कोवैक्सीन” कोरोना महामारी से निपटने में काफी 77.8% प्रभावकारी है। कोरोना की गंभीर बीमारी से बचाने में (गंभीर सिम्टोमेटिक कोविड-19 के मामले में) कोवैक्सीन 93.4 प्रतिशत असरदार है। बिना लक्षण वाले कोविड से बचाने में 63.6% प्रभावी है।

“द लैंसेट” में प्रकाशित लंबे समय से प्रतीक्षित विश्लेषण में कहा गया है कि, जो व्‍यक्ति कोवैक्सिन के डोज ले रहा है, उसके शरीर में “एक मजबूत एंटीबॉडी” डेवलप होती है, जो कोरोना वायरस से बचाए रखती है। “लैंसेट” ने एक बयान में कहा, ”कोवैक्सिन की दो खुराक दिए जाने के दो सप्ताह बाद व्‍यक्ति में “एक मजबूत एंटीबॉडी प्रतिक्रिया चलती है।”

देसी टीका कोवैक्सीन सार्स-कोव-2 (SARS-CoV-2) वायरस के सभी वेरिएंट के खिलाफ 70.8 प्रतिशत सुरक्षा देता है। कोवैक्सीन को भारत बायोटेक और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने विकसित किया है।

मेडिकल जर्नल ने कहा कि डेल्टा सेफ्टी मॉनिटरिंग बोर्ड ने वैक्सीन से जुड़ी किसी तरह की सुरक्षा चिंता की बात नहीं कही है। फेज-3 ट्रायल में प्रभावकारिता और सुरक्षा का आकलन करने के लिए की गई स्टडी में भारत के 25 स्थानों पर 25,800 वॉलेंटियर्स को शामिल किया गया।

द लैंसेट के अनुसार, इस वैक्‍सीन में लोगों की दीर्घकालिक सुरक्षा और प्रभावशीलता के साथ-साथ गंभीर बीमारी से निपटने के गुण हैं..हालांकि इस पर और अधिक शोध की आवश्यकता होगी। बहरहाल, यह बड़ी बात है कि एक प्रतिष्ठित विदेशी मेडिकल-जर्नल यह दावा करती है कि, कोविड-19 से निपटने में भारत की कोवैक्सिन 77.8% प्रभावी है।