लखनऊ
भाकपा (माले) की राज्य इकाई ने लखीमपुर खीरी के संपूर्णानगर में नाबालिग आदिवासी युवक की कथित पुलिस पिटाई से रविवार को हुई मौत की स्वतंत्र व निष्पक्ष जांच की मांग की है।

राज्य सचिव सुधाकर यादव ने आज जारी बयान में कहा कि मृतक के परिजनों के बयान को देखते हुए खजुरिया पुलिस चौकी के पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज होना चाहिए और दोषियों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए। तभी पीड़ित परिवार को न्याय मिलेगा।

कामरेड सुधाकर ने कहा कि घटनाक्रम के अनुसार, मोबाईल चोरी के मामले में पुलिस के बुलावे पर लड़के की मां उसे लेकर चौकी गई, तब पुलिस ने लड़के को रोक कर मां को वापस भेज दिया। परिजनों के अनुसार चौकी में नाबालिग की बर्बर पिटाई हुई, जिसके दो दिन बाद उसकी तबीयत गंभीर होने पर मौत हो गई।

राज्य सचिव ने कहा कि घटना की गंभीरता को देखते हुए चौकी के तीन पुलिसकर्मियों का निलंबन पर्याप्त नहीं है और न ही इसकी पुलिस जांच विश्वसनीय होगी। लिहाजा इसे हिरासती हत्या मानते हुए इसकी स्वतंत्र व निष्पक्ष जांच जरूरी है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने जा रहा है और आचारसंहिता लागू है, लेकिन पुलिस का दमनकारी बर्ताव नहीं बदला है। वह नाबालिगों, गरीब आदिवासियों से वैसी ही निरंकुशता से पेश आ रही है, जैसे आचारसंहिता लागू होने के पहले योगी सरकार की ‘ठोंक दो’ वाली नीति के तहत करती थी। आला पुलिस अधिकारी भी आरोपी पुलिसकर्मियों को बचाने के लिए जुट गए हैं। यदि जनता ने लड़के की मौत के बाद जाम न लगाया होता, तो मामले को रफादफा कर दिया गया होता। उन्होंने चुनाव आयोग से भी संज्ञान लेने की अपील की।