जनपद में 64.5 प्रतिशत पुरुष और 17 प्रतिशत महिलाएं करती हैं तंबाकू का सेवन

हमीरपुर: राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्व-5 के अनुसार जनपद में 15 साल से ऊपर के 64.5 प्रतिशत पुरुष और 17 प्रतिशत महिलायें तम्बाकू का सेवन करती हैं। जिला महिला अस्पताल की सीएमएस डॉ.फौजिया अंजुम नोमानी बताती हैं कि बुंदेलखण्ड क्षेत्र में महिलाओं में गुटका-पान खाने की आदत है। तम्बाकू के सेवन की यही आदत महिलाओं में प्रजनन क्षमता को भी प्रभावित करती है। ओपीडी में रोज ही ऐसी महिलाएं आती हैं जो तंबाकू का सेवन करती है। तंबाकू के अधिक सेवन से गर्भस्थ शिशु की सेहत पर भी असर पड़ता है। साथ ही ब्लड प्रेशर की भी शिकायत होती है। गर्भावस्था के समय यदि महिला तंबाकू या अन्य किसी नशीले पदार्थ का सेवन कर रही है तो मिसकैरिज (गर्भापात) की संभावना अधिक हो जाती है। इसके अलावा मुंह के कैंसर का खतरा भी बना रहता है।

सब म्यूकोजल फाइब्रोसिस के केसो में बढ़ोत्तरी

जिला अस्पताल के ईएनटी सर्जन डॉ. विकास यादव के अनुसार ओपीडी में मुंह संबंधी विकार लेकर आने वाले पचास फीसदी मरीजों में सब म्यूकोजल फाइब्रोसिस (एसएमएफ) की शिकायत है। ऐसे मरीजों के मुंह के अंदर की स्किन में सफेदी आ जाती है। यह कैंसर तो नहीं होता है, मगर इसे शुरुआत मानी जा सकती है। इसी अवस्था में जब इंफेक्शन बढ़ता है तो मुंह का कैंसर हो जाता है। इस स्थिति के मरीज नियमित उपचार से ठीक हो जाते हैं। इसलिए गुटका-तंबाकू का सेवन करने वालों को मुंह के अंदर यदि स्किन में सफेदी दिखाई देती है तो उन्हें होशियार हो जाना चाहिए। डॉ. यादव ने बताया कि प्रतिमाह करीब 10 मरीजों को बायोप्सी की सलाह दी जाती है। इनमें से नौ मरीजों को कैंसर की पुष्टि हो रही है। यह स्थिति शुभ संकेत नहीं है। लोगों को गुटका-पान की लत से बचना चाहिए।

376 में मिले कैंसर के शुरुआती लक्षण
एनसीडी के नोडल अधिकारी डॉ. महेशचंद्रा ने बताया कि जनपद के सब सेंटरों में पांच किस्म के गैरसंचारी रोगों की स्क्रीनिंग की जाती है। जिसमें मुंह का कैंसर भी शामिल है। बीते दो वर्षों में जनपद में 30 साल से ऊपर के 56966 महिला-पुरुष की स्क्रीनिंग की गई। इनमें से 376 ऐसे केस मिले, जिनमें मुंह के कैंसर की संभावना थी। उन्हें उचित उपचार के लिए रेफर किया गया।

तीखा खाना हो गया था बंद
40 साल की रूबीना बताती हैं कि वह गुटका की लती हैं। काफी अरसे से इसका सेवन करती चली आ रही हैं। अब नौबत यह आ गई है कि ज्यादा तीखा कुछ नहीं खा पाती है। डॉक्टर को दिखाया तो उन्होंंने तुरंत गुटखा खाने से दूरी बनाने की सलाह दी। गुटखा छोड़ चुकी हैं और उपचार करा रही है। धीरे-धीरे मुंह ठीक हो रहा है।

मुंह की स्किन होने लगी थी सफेद
35 साल के राजेश बताते हैं कि वह भी गुटका खाने की शौकीन है। मुंह की स्किन सफेद हुई तो उन्हें खतरा महसूस हुआ। चेकअप कराया तो डॉक्टर ने तत्काल गुटका-तंबाकू छोड़ने की सलाह दी। अभी उनका उपचार चल रहा है। धीरे-धीरे ठीक हो रहे हैं।