लखनऊ
भाकपा (माले) ने अवमानना मामले में सूरत की अदालत का फैसला आने के महज 26 घंटे के भीतर आनन-फानन में लोकसभा सचिवालय द्वारा राहुल गांधी को संसद की सदस्यता से अयोग्य ठहराने के खिलाफ सोमवार को राज्यव्यापी प्रदर्शन किया। पार्टी ने इसे लोकतंत्र पर भाजपा की ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ करार देते हुए विपक्ष को चुप कराने की कार्रवाई बताया और मोदी सरकार के खिलाफ जमकर आक्रोश व्यक्त किया।

राजधानी लखनऊ में माले कार्यकर्ताओं ने परिवर्तन चौक से विरोध मार्च निकाला। इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि संसद में मोदी-अदानी गठजोड़ पर उठ रहे सवालों और अदानी घोटाले की विपक्ष द्वारा जेपीसी जांच की उठाई जा रही मांग के जवाब में सरकार की यह बदले की कार्रवाई है। प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति व लोकसभा अध्यक्ष को संबोधित ज्ञापन स्थानीय अधिकारियों को सौंपा, जिसमें राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द करने का विरोध करते हुए कार्रवाई को रद्द करने की मांग की गई।

लखनऊ के अलावा गाजीपुर, बलिया, गोरखपुर, मऊ, सोनभद्र, मिर्जापुर, बनारस, आजमगढ़, अयोध्या, रायबरेली, सीतापुर, जालौन, बरेली और मुरादाबाद में भी विरोध प्रदर्शन हुए।

इस मौके पर भाकपा (माले) के राज्य सचिव सुधाकर यादव ने कोलकाता में केंद्रीय समिति की बैठक से भेजे अपने संदेश में भाजपा द्वारा लोकतंत्र पर किये जा रहे हमलों के खिलाफ विपक्ष से एकजुट होकर सड़कों पर संघर्ष करने का आह्वान किया।