लखनऊ:
उत्तर प्रदेश कांग्रेस ने पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की संसद सदस्यता समाप्त किए जाने को पूर्णतया मोदी सरकार का षड्यंत्र और लोकतंत्र पर घातक हमला बताया है। आज यहां लखनऊ स्थित शहीद स्मारक पर आक्रोशित हजारों कांग्रेसियों ने देर शाम तक ‘‘संकल्प सत्याग्रह’’ आयोजित कर विशाल धरना दिया। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बृजलाल खाबरी जी और सीएलपी लीडर आराधना मिश्रा के नेतृत्व में हजारों कांग्रेसजनों ने राहुल गांधी की सदस्यता रद्द किये जाने पर जमकर सरकार विरोधी नारेबाजी की। सत्याग्रह के दौरान शामिल पूर्व मंत्रियों/विधायकगण और वरिष्ठ प्रदेश पदाधिकारियों ने सरकार पर तीखे हमले करते हुए अपना विरोध दर्ज कराया। दिल्ली राजघाट में चल रहे राहुल गांधी जी के ‘‘संकल्प सत्याग्रह’’ के समर्थन में उत्तर प्रदेश के समस्त जिलों में भी कांग्रेसजनों ने महापुरुषों के प्रतीक स्थल और शहीद स्मारक स्थलों पर धरना प्रदर्शन व सरकार विरोधी नारेबाजी कर अपना व्यापक समर्थन दिया। यहां लखनऊ में सत्याग्रह कार्यक्रम में पूर्व मंत्री प्रदेश प्रभारी नसीमुद्दीन सिद्दीकी और नकुल दुबे जी भी प्रमुखता से उपस्थित रहे।

संकल्प सत्याग्रह कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पूर्व सांसद बृजलाल खाबरी ने मोदी सरकार पर तीखे हमले करते हुए कहा कि आज हमारे नेता पूर्व कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष मा. राहुल गांधी जी को निडरता व तथ्य के साथ सच बोलने की और जनता की आवाज बुलंद करने की कीमत चुकानी पड़ी है। हम कांग्रेसजनों का हौसला इससे पस्त होने वाला नहीं है। कांग्रेस पार्टी इस भ्रष्ट सरकार के जनविरोधी मामलों को सदैव उठाती रहेगी। मोदी सरकार की एक-एक नाकामियों को जनता के बीच प्रत्येक ब्लाक, ग्राम स्तर तक जमीन पर ले जाने के लिए उत्तर प्रदेश कांग्रेस संगठन व्यापक जन आंदोलन के लिए कमर कस चुका है। सरकार कितना भी जुल्म कर ले। ‘‘ना हम डरे हैं ,ना कभी डरेंगे’’ हम इन भ्रष्टाचारियों से बेखौफ डटकर मुकाबला करेंगे।

प्रदेश अध्यक्ष खाबरी ने अपने सम्बोधन में आगे कहा कि मोदी सरकार विघटनकारी नीतियों के आधार पर दो हिंदुस्तान बना रही है, एक अमीरों का, एक गरीबों का। कांग्रेस की मनमोहन सिंह सरकार ने देश को फूड सिक्योरिटी बिल के तहत मुफ्त राशन मुहैया कराने का संवैधानिक अधिकार दिया था। परंतु आज मोदी काल में मुफ्त सरकारी राशन के नाम पर अति पिछड़ों ,दलितों के आत्मीय स्वालंबन पर लगातार कुठाराघात की खबरें मीडिया,सोशल मीडिया में देखने को मिल रही है। पिछड़े वर्गों को संवैधानिक अधिकार के तहत मिलने वाले सरकारी राशन का वास्ता देकर स्वयं प्रधानमंत्री मोदी को भी चुनावी रैलियों में वोट मांगते हुए समूचे देशवासियों ने सोशल मीडिया एवं मीडिया में देखा है।

कांग्रेस विधानमंडल दल नेता आराधना मिश्रा ने सत्याग्रह कार्यक्रम में संबोधित करते हुए कहा कि नीरव मोदी, ललित मोदी और मेहुल चौकसी इन आर्थिक भ्रष्टाचारियों में से कोई भी पिछड़ी जाति का नहीं है। फिर भी बीजेपी पिछड़े की दुहाई देकर इन आर्थिक घोटालेबाजों की केंद्र सरकार के साथ सांठगांठ को छुपाने का कुत्सित प्रयास कर रही है। उन्होंने बताया कि क्रोनोलॉजी समझिए, 7 फरवरी 2023 को राहुल गांधी जी ने अडानी के कारपोरेट भ्रष्टाचार पर लोकसभा में भाषण दिया, प्रधानमंत्री की नीतियों और नियति पर सवाल खड़े किए। कथित मानहानि मामले में 16 फरवरी 2023 को शिकायतकर्ता गुजरात हाई कोर्ट से खुद का ही लिया हुआ स्टे वापस लेता है। 27 फरवरी 2023 को सुनवाई शुरू, 17 मार्च निर्णय रिजर्व और 23 मार्च 2023 को निर्णय आता है कि उन्हें दो साल की सजा । 24 मार्च 2023 को आनन-फानन में राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द कर दिया गया। श्रीमती आराधना मिश्रा ने कहा कि हम मोदी सरकार की जनविरोधी नीतियों और देश विरोधी षंडयंत्र को बेनकाब करेंगे विश्व के सबसे बड़े आर्थिक घोटाले को उजागर करने में सदन से लेकर सड़क तक व्यापक संघर्ष करेंगे, हम चुप नहीं बैठने वाले।

संकल्प सत्याग्रह को संबोधित करते हुए प्रांतीय अध्यक्ष पूर्व मंत्री नकुल दुबे ने मोदी सरकार पर गंभीर आरोप लगाया। श्री दूबे ने कहा कि बीजेपी की मोदी सरकार अति पिछड़े दलितों को उनके सामाजिक राजनैतिक उत्थान से वंचित रखना चाहती है। इस सरकार में विगत 9 वर्षों से राजनैतिक षड्यंत्र के तहत लगातार पिछड़ों, अतिपिछड़ों, दलितों को मिले हुए संविधानिक अधिकारों, उनके हक हकूक को छीना जा रहा है।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रांतीय अध्यक्ष पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने कहा कि बीजेपी की सोच है कि आर्थिक और सामाजिक रूप से पिछड़े तबके को भारतीय राजनीति में केवल वोट बैंक तक ही सीमित रखना। श्री सिद्दीकी ने आगे कहा कि कांग्रेस पार्टी का सीधा आरोप है कि पिछले 9 वर्षों से बीजेपी शासित प्रदेशों में अति पिछड़ों, दलितों को उनकी आर्थिक व सामाजिक स्थिति के आधार पर प्रताड़ित किया जा रहा है। एनसीआरबी के आकड़ों के मुताबिक बीजेपी शासित राज्यों में सबसे ज्यादा महिला, दलित उत्पीड़न के मुकदमें ही दर्ज हुए हैं। आज आरएसएस बीजेपी सरकारों द्वारा उनके संवैधानिक हकों को और आरक्षण की व्यवस्था को लगातार छीना गया है और अभी भी षड़यंत्र जारी है।