तौक़ीर सिद्दीक़ीप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपना कर्नाटक चुनावी अभियान 29 अप्रैल से शुरू किया। राजनीतिक पंडितों के साथ आम लोगों में भी इस बात को लेकर बड़ी चर्चा थी कि आखिरकार प्रधानमंत्री
एस आर दारापुरी, राष्ट्रीय अध्यक्ष, आल इंडिया पीपुल्स फ्रन्ट डा. बाबासाहेब भीम राव अंबेडकर ने सबसे पहले 1927 में महाड़ तालाब सत्याग्रह के दौरान धर्म परिवर्तन का संकेत दिया था जब उन्होंने
अरुण श्रीवास्तव(मूल अंग्रेजी से हिन्दी अनुवाद: एस आर दारापुरी, राष्ट्रीय अध्यक्ष, आल इंडिया पीपुल्स फ्रन्ट) आरएसएस, जो देश की अंतरात्मा के रक्षक और नैतिकता के उच्चतम क्रम का धारक होने का दावा
मोहम्मद आरिफ़ नगरामी माहे रमज़ान अपनी तमामतर रहमतों, बाबरकात, अनवार व फुयूज़ात, नेक साआत और लम्हात, बाबरकात लैल व नहार, इबादत के मौसम बहार, क़रया क़रया मस्जिद मस्जिद और घर घर तिलावत
मोहम्मद आरिफ नगरामी जकात इस्लाम के बुनियादी रूकन में से एक अहम रूकन है शरीअत इस्लामन ने तमाम इबादती अमाल की अदायगी के तरीके भी अपने मानने वालो को अता फरमाये है
-एस.आर. दारापुरी, राष्ट्रीय अध्यक्ष, आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट डॉ. बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर एक अछूत परिवार में पैदा हुए थे जो सभी प्रकार के सामाजिक, शैक्षिक, धार्मिक व राजनीतिक अधिकारों से वंचित वर्ग
एस आर दारापुरी, राष्ट्रीय अध्यक्ष, आल इंडिया पीपुल्स फ्रन्ट मायावती उत्तर प्रदेश की चार बार मुख्यमंत्री बनी। सामान्यतया यह अपेक्षा की जाती है कि इस दौरान उसने दलित हित में बहुत कुछ
मोहम्मद आरिफ़ नगरामी रमजानुल मुबारक की आमद मुसलमानाने आलम के लिए किसी खुशी की नावेद से कम नहीं है। क्योंकि इस माहे खैर में रहमतों, नेमतों, बरकतों और इनायतों का नुजूल हर
मोहम्मद आरिफ नगरामी रमजानुल मुबारक का माहे मुकद्दस रहमतो बरकतो, साअदतों और फुयूज व इनामाते रब्बानी का गिरा बहां मजमुवा है, अहले ईमान इसकी आमद का पूरे साल दीदा व दिल फर्शे