बहराइच जिले की विशेष अदालत ने महसी विधानसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक सुरेश्वर सिंह को 21 वर्ष पुराने एक मामले में दो वर्ष की सजा सुनाई है। शासकीय अधिवक्‍ता ने इसकी जानकारी दी। यह मामला 2003 का है। उपजिलाधिकारी को धमकी देने मामले में सजा सुनाई गई है। ढाई हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है।

जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) मुन्नू लाल मिश्र ने शुक्रवार को बताया कि अदालत ने सजा सुनाए जाने के बाद विधायक को फैसले के खिलाफ अपील दायर करने के लिये जमानत दे दी है। यह आदेश चार जनवरी को सुनाया गया था, जिसकी प्रति शुक्रवार को उपलब्ध हुई।

ग़ौरतलब है कि जन प्रतिनिधित्व अधिनियम (आरपीए) 1951 के प्रावधानों के तहत दो साल या उससे अधिक की कैद की सजा पाने वाले किसी भी जनप्रतिनिधि को सजा की तारीख से ही अयोग्य घोषित कर दिया जाता है और सजा काटने के बाद अगले छह साल तक उसके चुनाव लड़ने पर रोक रहती है।

अभियोजन पक्ष के अनुसार, दो सितंबर 2002 को महसी तहसील के उप जिलाधिकारी लाल मणि मिश्र ने हरदी थाने में विधायक के खिलाफ मामला दर्ज कराया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि सुरेश्वर सिंह ने एसडीएम कार्यालय में घुसकर सरकारी कार्य में बाधा उत्पन्न कर एसडीएम के साथ दुर्व्यवहार करते हुए उन्हें धमकी दी थी।

चार जनवरी को सांसद/विधायक अदालत (एमपी-एमएलए अदालत) के न्यायाधीश अनुपम दीक्षित ने विधायक को दो साल कैद एवं ढाई हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। आदेश के अनुसार, जुर्माना अदा ना करने पर उन्हें सात दिन की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।

सजा सुनाए जाने के बाद भाजपा विधायक सिंह को अदालत ने फैसले के खिलाफ अपील दायर करने के लिये जमानत दे दी। गौरतलब है कि 2002 में सुरेश्वर सिंह जनता के एक मामले को लेकर एसडीएम कार्यालय गये थे। वहां किसी बात को लेकर उनकी तत्कालीन एसडीएम से झड़प हो गयी थी।