नई दिल्ली: मोदी सरकार ने कम दूरी की यात्री ट्रेनों के किराए में बढ़ोत्तरी का एलान किया है, साथ ही कहा है कि अनावश्यक यात्राओं में कमी लाने के लक्ष्य से किराए में यह मामूली वृद्धि की गई है| पेट्रोल और डीजल के बढ़ते दामों की मार से परेशान आम आदमी के लिए यह किसी झटके से कम नहीं है|

अभी हो रहा है लम्बी दूरी के ट्रेनों का सञ्चालन
गौरतलब है कि लॉकडाउन में छूट के बाद से रेलवे केवल स्पेशल ट्रेनें चला रही है। शुरुआत में सिर्फ लंबी दूरी की ट्रेनों का संचालन किया जा रहा था मगर अब कम दूरी की यात्री ट्रेनों का भी परिचालन हो रहा है। रेल मंत्रालय के बयान के मुताबिक, कोविड-19 महामारी के मद्देनजर विशेष प्रावधान के तहत इन ट्रेनों का किराया इतनी ही दूरी की मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों में अनारक्षित टिकट जितना तय किया गया है। यात्री और लोकल ट्रेन सेवा फिर से शुरू करने के बाद रेलवे को किराए में वृद्धि को लेकर यात्रियों की आलोचना झेलनी पड़ी थी।

दोगुना हो गया था किराया
अमृतसर से पठानकोट का किराया पहले 25 रुपए था जो अब 55 रुपए है । इसी तरह जालंधर से फिरोजपुर तक डीएमयू का किराया बढ़कर 60 रुपए हो गया है जो पहले 30 रुपए था । बयान के मुताबिक, रेलवे सूचित करना चाहता है कि यात्री और कम दूरी की अन्य ट्रेनों के किराए में यह मामूली बढ़ोत्तरी लोगों को अनावश्यक यात्राएं करने से रोकने के लिए किया गया है।

भीड़ को यात्रा से रोकना है उद्देश्य
बयान में कहा गया है की कोविड-19 अभी भी है और कुछ राज्यों में स्थिति बिगड़ रही है। कई राज्यों से आने वाले यात्रियों की स्क्रीनिंग की जा रही है और उन्हें यात्रा करने के लिए हतोत्साहित किया जा रहा है। किराए में मामूली वृद्धि को ट्रेनों में भीड़ होने से और कोविड-19 को फैलने से रोकने के रेलवे की कोशिश के रूप में देखा जाना चाहिए।