रिपोर्ट-अमन वर्मा

सुलतानपुर । झांसी के बाद अब सुल्तानपुर में डॉक्टरों की संवेदनहीनता
सामने आई है। यहां जिला अस्पताल में ऐसी तस्वीर सामने आई, जिससे इंसानियत
शर्मसार हो जाए। ट्रेन की चपेट में आकर घायल हुए व्यक्ति का कटा पंजा
डॉक्टरों ने उसी के दोनों पैरों के बीच ही रख दिया। जब लोगों ने अपने
मोबाइल से फोटो खींचना शुरू किया तो तत्काल उसे हटाकर डॉक्टरों ने घायल
व्यक्ति की इलाज किया।

मंगलवार शाम करीब 7.30 बजे कोतवाली नगर के करौंदिया रेलवे क्रॉसिंग
के पास एक व्यक्ति ट्रेन की चपेट में आ गया। हादसे में उसका बायां पैर,
पंजे के थोड़ा ऊपर से कट गया। लोगों ने तत्काल एंबुलेंस बुलाकर उसे जिला
अस्पताल पहुंचाया। यहां ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर और स्टाफ ने उसके कटे हुए
पैर को दोनों पैरों के बीच ही रख दिया। करीब आधे घंटे तक ये ऐसे ही पड़ा
रहा। यही नहीं, तड़प रहे व्यक्ति का इलाज करना भी मुनासिब नहीं समझा। जब
अस्पताल में मौजूद लोगों ने डॉक्टरों की इस संवेदनहीनता को मोबाइल में
कैद करना शुरू किया तो तत्काल डॉक्टर एक्शन में आ गए। कटा पैर हटाकर घायल
की ड्रेसिंग की। हालत स्थिर होने पर घायल ने अपनी पहचान बताई। उसकी
शिनाख्त जयसिंहपुर कोतवाली के रवनिया पीढ़ी गांव निवासी अतुल कुमार
पाण्डेय (48) पुत्र जगनारायण पाण्डेय के रूप में हुई।

जांच कर होगी कार्यवाही – सीएमओ

इस मामले में जब मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. सीबीएन. त्रिपाठी से बात किया
गया तो उन्होंने कहा कि मामला उनके संज्ञान में नहीं है। मुख्य चिकित्सा
अधीक्षक डॉ. योगेंद्र यति से बात करके जांच कराएंगे। जो भी दोषी होगा,
उसके खिलाफ कारवाई की जाएगी।

झांसी में कटे पैर का बना दिया था तकिया

डॉक्टरों की संवेदनहीनता का ये पहला मामला नहीं है। करीब 17 दिन पहले
महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के इमरजेंसी वार्ड में उपचार के लिए आए
एक व्यक्ति के सिर के नीचे उसी का कटा हुआ पैर डॉक्टरों ने रख दिया था।
मामले में डॉक्टरों और स्टाफ नर्स को निलंबित कर दिया गया था।