लखनऊ: पायसम, आध्यात्मिक क्लासिक "आत्मकथा का एक योगी" के विश्व प्रसिद्ध लेखक, तथा पश्चिम में योग के पिता के रूप में प्रसिद्ध परमहँस योगानन्द को समर्पित एक स्वैच्छिक संगठन है और बौद्धिक अक्षमता से ग्रषित व्यक्तियों की शिक्षा एवं प्रशिक्षण हेतु निःस्वार्थ काम कर रहे हैं। अपने 13वें वर्ष में, पायसम अपने बाल विकास केंद्र और लखनऊ में व्यावसायिक प्रशिक्षण और पुनर्वास केंद्र के माध्यम से करीब 90 बौद्धिक अक्षमता वाले बच्चों और वयस्कों का ख्याल रखता है।

पायसम ने अपने 12वें वार्षिकोत्सव, आनंद उत्सव – ए फेस्टिवल ऑफ़ जॉय, लखनऊ और कानपुर के 11 अन्य विशेष स्कूल, समर्पण, दोस्ती, ज्योति स्पेशल स्कूल, प्रेरणा, टच स्पेशल केयर, नवदीप, चेतना, आशा ज्योति, आशा स्कूल, साक्षी और अमृता के साथ गांधी भवन में मनाया। आनंद उत्सव विशेष जरूरत वाले व्यक्तियों के लिए 'परफॉर्मिंग आर्ट्स एवं स्पोर्ट्स' में अपनी प्रतिभा प्रदर्शित करने के लिए एक मंच प्रदान करता है। योगानन्दा रनिंग ट्राफी को लखनऊ के योगदा सत्संग ध्यान केंद्र के अध्यक्ष श्री अनिल क्र। मित्तल द्वारा पायसम बोर्ड के अध्यक्ष श्री आर.एन. अरोड़ा की उपस्थिति में पुनर्स्थापित किया गया था

इस अवसर पर लगभग 144 विशेष आवशयकता वाले बच्चे तथा वयस्कों ने अपनी प्रतिभाओं का प्रदर्शन किया। इस वर्ष के उत्सव का थीम "योगा और विश्व शांति" था और विशेष रूप से जरूरी, आत्मविश्वास प्रदर्शन करने हेतु योगानन्द रनिंग ट्रॉफी के लिए हो रही प्रतियोगिता को यॉर्क यूनिवर्सिटी, कनाडा की डिजाइनर सुश्री मेहनाज अख्तर, शशि भूषण डिग्री कॉलेज में अंग्रेजी के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ। अंजुम इस्लाम और महिलाओं के लिए काम करने वाली सामाजिक कार्यकर्ता सुश्री वीणा राणा ने जज किया ।

श्री कबीर ने भावपूर्ण तरीके से विशेष स्कूलों के प्रयाशों को सराहते हुए कहा कि कहीं न कहीं हम सभी भूले हुए हैं समाज के इस हिस्से को। यह हमारे एजेंडा में ही नहीं है और हम कृतार्थ है इन बच्चों के हमें याद दिलाने के लिए। हम यहां कुछ देने की बजाय यहां से एक सीख ले कर जा रहे हैं।

पायसम के प्रयासों की सराहना करते हुए, मुख्य अतिथि, रूबिक्स रोस्ट्रम के प्रबंध निदेशक श्री आदित्य कुमार ने कहा कि प्रतिस्पर्धा और कॉर्पोरेट लक्ष्यों की दुनिया में, पाइसम ने एक अत्यंत संवेदनशील क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित किया है, जिसे न केवल ध्यान से संभाला जाना चाहिए बल्कि खुले हाथों से समाज द्वारा स्वीकार किया जाना चाहिए। विशिष्ट अतिथि, श्री अनिल कुमार मित्तल, योगदा सत्संग ध्यान केंद्र के अध्यक्ष, लखनऊ ने उत्सव के सभी प्रतिभागियों को बधाई देते हुए बताया कि परमहँस योगानन्द जी के प्रमुख उद्देश्यों में से एक शिक्षा ही रहा और पायसम ने एक कदम आगे बढ़कर विशेष शिक्षा तथा योग द्वारा आरोग्यकारी प्रयासों से उनके उद्देश्यों की पूर्ति में बहुत महत्वपूर्ण प्रयास दिखाया है और पायसम के सभी सदस्य इस के लिए बधाई के पात्र हैं ।