नई दिल्ली

आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट का दो-दिवसीय चौथा राष्ट्रीय अधिवेशन आज नई दिल्ली स्थित सुरजीत भवन में प्रारम्भ हुआ। अधिवेशन के पहले खुले सत्र की अध्यक्षता प्रो. अरुण कुमार, आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट के राष्ट्रीय अध्यक्ष एस. आर. दारापुरी, नव निर्माण कृषक दल के अक्षय कुमार, स्वराज इंडिया के उपाध्यक्ष प्रो. अजीत झा, राष्ट्र उदय पार्टी के अध्यक्ष बाबूराम पाल, तमिज पीपुल्स फ्रंट के पांडियन, कर्नाटक जन शक्ति की बिट्टू, सीए अतहर रहमान, डॉ. सरफराज, झारखंड नव निर्माण दल की पुष्पा उरांव और सुनीता साह ने संयुक्त रूप से की। अधिवेशन के खुले सत्र का संचालन गांधीवादी आचार्य शुभमूर्ति जी ने किया।

अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट के राष्ट्रीय अध्यक्ष एस. आर. दारापुरी ने अधिवेशन में उपस्थित मित्र संगठनों के प्रतिनिधियों, अतिथियों और नागरिकों से अपील करते हुए कहा कि भारतीय गणराज्य के सामने हिंदुत्व कॉर्पोरेट गठजोड़ ने जो गहरा और विनाशकारी संकट पैदा किया है। उसके विरुद्ध देश में एक व्यापक राजनीतिक साझा मंच की बेहद जरूरी है।

राष्ट्रीय अधिवेशन के अध्यक्ष मंडल की ओर से प्रो. अरुण कुमार ने आज के दौर में राष्ट्रीय पहलकदमी के लिए जरूरी सवालों पर बातचीत की। उन्होंने कहा कि आर्थिक सवालों के साथ-साथ सामाजिक सरोकार के सवालों को भी उठाना होगा।इस संदर्भ में उन्होंने कहा कि युवाओं और महिलाओं का सशक्तिकरण, भेदभाव के शिकार एससी-एसटी, अति पिछड़े, पसमांदा मुसलमान और महिलाओं के प्रतिनिधित्व के साथ संसाधनों पर अधिकार जरूरी है। दूसरा रोजगार और आजीविका, कृषि व छोटे व मझोले उद्योगों की तरक्की, संसाधनों की व्यवस्था के लिए उच्च धनिक खासकर खरबपतियों की सम्पत्ति पर समुचित टैक्स लगाना होगा।

अधिवेशन में सीपीआई (एम) के पूर्व महासचिव कामरेड प्रकाश करात, भारत सरकार के पूर्व वाणिज्य सचिव और योजना आयोग के सदस्य रहे एस. पी. शुक्ला और सामाजिक राजनीतिक चिंतक प्रेम कुमार मणि का शुभकामना संदेश रखा गया।

सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने कहा कि रोजगार के सवाल पर पूरे देश में नागरिक समाज समेत सभी संगठनों की एक बड़ी पहलकदमी ली जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि एआई के दौर में रोजगार और संसाधनों के बंटवारे का सवाल दुनियाभर में आ रहा है।

उड़ीसा में काम कर रहे नवनिर्माण कृषक दल के संयोजक अक्षय भाई ने उड़ीसा में कॉर्पोरेट घरानों द्वारा की जा रही लूट को अधिवेशन में रखा और राष्ट्रीय स्तर पर सालभर की पहलकदमी लेने का प्रस्ताव रखा। कर्नाटक जनशक्ति की बिट्टू ने कर्नाटक में चले हुए विभिन्न आंदोलनों का जिक्र करते हुए कहा कि भाजपा को हराने में कर्नाटक में नागरिक समाज ने भी एक बड़ी भूमिका ली थी और जन सवालों पर मौजूदा सरकार से भी आंदोलन जारी है।स्वराज इंडिया के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रोफेसर अजीत झा ने कहा कि अपनी संकीर्णता को छोड़कर हमें व्यापक दायरे में एकता बनानी चाहिए।

राष्ट्र उदय पार्टी के अध्यक्ष बाबूराम पाल ने कहा कि सामाजिक न्याय के गर्भ से हुई पैदा हुई पार्टियों ने इस समाज के कमजोर लोगों के साथ न्याय नहीं किया है। उत्तर प्रदेश में चल रहे रोजगार-सामाजिक अधिकार अभियान का जिक्र करते हुए कहा कि देश में भी इस तरह की पहलकदमी ली जानी चाहिए। युवा भारत के आलोक सिंह ने युवाओं में फैल रही गहरी निराशा के बारे में बताते हुए उन्हें सरकारी नौकरी और रोजगार पर व्यापक रूप से संगठित करने पर जोर दिया।

सत्र के अंत में वक्ताओं द्वारा राष्ट्रीय मंच बनाने और पहलकदमी में लेने के सुझाव पर बात रखते हुए आचार्य शुभमूर्ति ने कहा कि दो दिन तक चलने वाले सम्मेलन में इस पर बातचीत की जाएगी।