लखनऊ: भाकपा (माले) ने निकाय चुनाव खत्म होते ही बिजली दरों में भारी बढ़ोतरी करने को जनविरोधी कदम बताते हुए इसे रद्द करने की मांग की है। पार्टी राज्य सचिव सुधाकर यादव ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में बिजली आपूर्ति की स्थिति वैसे भी खराब है और महंगाई से प्रदेश की जनता पहले से ही हलकान है। खेती पहले ही घाटे का सौदा बन चुकी है। रोजगार के अवसर लगातार संकुचित हो रहे हैं। ऐसे में, महंगाई का बोझ घटाने के बजाय बिजली दरों में भारी वृद्धि करना योगी सरकार का प्रदेशवासियों पर बड़ा आर्थिक हमला है। उन्होंने कहा कि सरकार ने आम जन को बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित करने, विभागीय भ्रष्टाचार रोकने, अनाप-शनाप खर्चे व लाइन हानि घटाने, सरकारी व बड़े बिजली बिलों का भुगतान कराने आदि उपायों पर जोर बढ़ाने के बजाय बिजली दरों में भारी इजाफा करने का सबसे आसान तरीका अपनाया है। यह जनता की कमर तोड़ने वाला फैसला है।