नई दिल्ली: ब्रिटेन की दूरसंचार क्षेत्र की कंपनी वोडाफोन व भारत के आदित्य बिड़ला समूह की कंपनी आइडिया सेल्यूलर में बहुचर्चित विलय सौदे की घोषणा महीनेभर में होने की संभावना है. अगर यह सौदा परवान चढ़ जाता है तो इससे भारत में सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी सामने आएगी. वायरलेस सब्सक्राइबर के लिहाज से फिलहाल वोडाफोन दूसरे और आइडिया तीसरे स्थान पर है जबकि भारतीय एयरटेल पहले नंबर पर है. इस मर्जर से निश्चित रूप से भारती एयरटेल और रिलायंस जियो पीछे छूट जाएंगे.

सूत्रों ने कहा, "दोनों कंपनियां 24-25 फरवरी को निश्चित समझौते की घोषणा कर सकती हैं." एक अन्य सूत्र के अनुसार, "वे समझौता करने के लिए लगभग तैयार हैं और इसकी घोषणा महीने भर से अधिक समय नहीं लगना चाहिए." हालांकि, वोडाफोन व आइडिया, दोनों ने इस मामले में टिप्पणी से इनकार किया है.

इंडिया रेटिंग्स एण्ड रिसर्च के अनुसार यदि दोनों के बीच विलय सौदे को लेकर सहमति बन जाती है तो मिलकर बनने वाली नई दूरसंचार कंपनी भारत की सबसे बड़ी कंपनी होगी. दूरसंचार क्षेत्र के राजस्व में इसकी हिस्सेदारी करीब 40 प्रतिशत होगी और 38 करोड़ से अधिक इसके ग्राहक होंगे.

उधर, टेक महिंद्रा का मानना है कि वोडाफोन और आइडिया का प्रस्तावित विलय सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) क्षेत्र के लिए एक हलचल लाने वाला घटनाक्रम होगा. हालांकि, कंपनी का मानना है कि उसे इस सौदे से फायदा होगा. टेक महिंद्रा की आमदनी का 50 प्रतिशत से अधिक हिस्सा संचार कंपनियांे को दी जाने वाली सेवाओं से आता है.

टेक महिंद्रा के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी सी पी गुरनानी ने कहा, "यह एक बड़ा बाजार है जिसमें ये कंपनियां विलय कर रही हैं. मेरी दुनिया में यह हलचल वाला बदलाव है. यह कोई सामान्य बदलाव नहीं है. इसका साफ मतलब है कि आईटी खर्च का कुछ हिस्सा या तो नीचे आएगा या इसकी दिशा बदलेगी." गुरनानी ने कहा कि टेक महिंद्रा इससे प्रभावित नहीं होगी, बल्कि उसे इससे फायदा होगा.