नई दिल्ली: दिल्ली में कोविड के बढ़ते मामले और लागू पाबंदियों के बीच मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज प्रेस कांफ्रेस कर देश की राजधानी में कोरोना के हालातों को लेकर चर्चा की. उन्होंने कहा कि इस वक़्त का पीक नवंबर से भी खतरनाक है, हम लॉकडाउन नहीं लगाना चाहते हैं लेकिन कल सरकार ने मजबूरी में कुछ पाबंदियों के आदेश दिए हैं.

तीन स्तर पर काम
सीएम केजरीवाल ने बताया कि हम इस समय तीन स्तर पर काम कर रहे हैं. पहला, कैसे कोरोना को फैलने से रोका जाए, इसमें सरकार अकेले कुछ नहीं कर सकती आप लोगों का सहयोग चाहिए जैसे पहले आपने सहयोग किया. कोरोना के नियमों का पालन करना. मास्क पहने, देह से दूरी बनाए और हाथ धोते रहें. घर से बाहर तभी निकले जब बहुत जरूरी हो.

बेड के लिए कोरोना एप का सहारा लें
उन्होंने बताया कि किसी तरह की बेड ऑक्सीजन या वेंटीलेटर की कमी नहीं होनी चाहिए उसका इंतजाम हमने किया है, नवंबर में जो सबसे ऊपर लहर गई थी वह 8500 हजार के की थी आज 10700 से ऊपर निकल गई है. कल मैंने लोकनायक अस्पताल का जायजा लिया है. केजरीवाल के अनुसार कुछ लोग कह रहे हैं कि उनको बेड नहीं मिल रहा उनसे मैं कहूंगा कि वह कोरोना एप देखें, कहां बेड उपलब्ध हैं वही जाएं.

केंद्र ने लगा रखे हैं प्रतिबन्ध
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मैंने केंद्र सरकार से अपील की है कि वैक्सीनेशन के ऊपर जितने प्रतिबंध लगा रखे हैं वह सब हटा लेना चाहिए. हमारा स्टाफ तो घर-घर जाकर टीका लगाने को तैयार है. प्रधानमंत्री के साथ जो बैठक हुई उसमें दो तीन मुख्यमंत्रियों ने कहा कि हम दो-तीन महीने के अंदर अपनी जनता को टीका लगा देंगे. उन्होंने कहा कि दिल्ली का डाटा दिखाता है कि 65 फ़ीसदी मामले 35 साल के कम उम्र के लोगों के आ रहे हैं तो ऐसे में चेन कैसे टूटेगी क्योंकि इनको टीका लगाने की इजाजत ही नहीं है. उन्होंने कहा कि इससे बड़ा विरोधाभास क्या हो सकता है कि वैक्सीन आ चुकी है लेकिन अभी भी हमको कोरोना से लड़ रहे हैं.