टीम इंस्टेंटखबर
बालासाहेब ठाकरे की 96वीं जयंती के अवसर पर भाजपा पर हमला करते हुए महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे ने भाजपा पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी पार्टी ने भाजपा के साथ गठबंधन में 25 साल “बर्बाद” किए।उद्धव ने भाजपा पर हिंदुत्व की विचारधारा को नष्ट करने का आरोप लगाया।
इस धारणा का खंडन करते हुए कि शिवसेना ने हिंदुत्व को छोड़ दिया है, उन्होंने कहा, “हमने बीजेपी छोड़ी है, हिंदुत्व नहीं। बीजेपी हिंदुत्व नहीं है।” यह तर्क देते हुए कि जेपी नड्डा के नेतृत्व वाली पार्टी ने “सुविधा के अनुसार” हिंदुत्व का अर्थ बदल दिया, उन्होंने जदयू, पीडीपी और टीडीपी के साथ अपने गठबंधन का हवाला दिया। इस अवसर पर, उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की शिवसेना के लिए अगले चुनाव में अकेले जाने की चुनौती को भी स्वीकार कर लिया, बशर्ते कि केंद्र पार्टी के खिलाफ जांच एजेंसियों का दुरुपयोग न करे।
शिवसेना प्रमुख ने जोर देकर कहा, “आप (अमित शाह) एक स्पष्ट कॉल दें और फिर ईडी और आयकर हटा दें। यह साहस नहीं है। अगर शिवसेना सुप्रीमो (बालासाहेब ठाकरे) जीवित होते, तो आप जानते हैं कि उन्होंने क्या कहा होगा। भाजपा की ‘उपयोग और फेंक’ नीति है। उन दिनों को याद करें जब वे (भाजपा) अपनी जमानत खो देंगे। उस समय, उन्होंने क्षेत्रीय दलों- हम, अकाली दल, ममता बनर्जी, जयललिता, समता पार्टी और के साथ गठबंधन किया था। अटल बिहारी वाजपेयी ने इन पार्टियों के समर्थन से सरकार चलाई।”
अपनी बातचीत में ठाकरे ने यह दावा करते हुए कांग्रेस और राकांपा के साथ अपने गठजोड़ को भी सही ठहराया कि भाजपा शिवसेना को “गुलाम” के रूप में देखना चाहती है।
भाजपा के साथ संबंधों के टूटने के बारे में बताते हुए, महाराष्ट्र के सीएम ने विस्तार से बताया, “उस समय, बालासाहेब ने सोचा था कि आप (भाजपा) देश को संभालते हैं, क्योंकि आप हिंदुत्ववादी हैं और हम महाराष्ट्र का प्रबंधन करेंगे। हमने उन पर विश्वास किया। उन्होंने हमें धोखा दिया। उन्होंने दिल्ली को अपने अनोखे तरीके से जीता। लेकिन हमारे अस्तित्व को मिटाने के लिए हमारे घर में घुसने के बाद हमें अपने पंजों से वार करना पड़ा।”
मृतको में एक ही परिवार की दो सगी बहने, परिजनो में मचा कोहरामएसडीएम-सीओ समेत पुलिस…
बाइक सवार मित्रों को गांव से घसीटते हुए एक किलो मीटर दूर ले गई,सहमे लोग…
मुंबईएचडीएफसी बैंक के मोबाइल ऐप पेज़ैप (PayZapp) को 'सेलेंट मॉडल बैंक' अवार्ड मिला है। एचडीएफसी…
-कम सैलरी में पत्रकारों का 24 घंटे काम करना सराहनीयः पवन सिंह चौहान -यूपी वर्किंग…
(व्यंग्य : राजेंद्र शर्मा) हम तो पहले ही कह रहे थे, ये इंडिया वाले क्या…
(अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस पर विशेष आलेख : संजय पराते) आजादी के आंदोलन में ट्रेड यूनियनों…