लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज प्रख्यात स्वतंत्रता सेनानी एवं उत्तर प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री भारत रत्न पं0 गोविन्द बल्लभ पंत की जयन्ती के अवसर पर यहां लोक भवन परिसर में स्थापित उनकी प्रतिमा के सम्मुख चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें अपनी श्रद्धांजलि दी। इसके उपरान्त उन्होंने लोक भवन में आयोजित पं0 गोविन्द बल्लभ पंत पर केन्द्रित चित्र प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव एवं चौरी-चौरा शताब्दी समारोह की श्रृंखला में यह आयोजन किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पं0 गोविन्द बल्लभ पंत एक प्रख्यात स्वतंत्रता सेनानी थे। उनका जन्म अल्मोड़ा में हुआ था। प्रयागराज से उच्च शिक्षा अर्जित करने के दौरान उनके मन में देश की स्वाधीनता के प्रति उमंग एवं उत्साह पैदा हुआ, जिसने उन्हें देश में स्वतंत्रता सेनानियों के नजदीक लाकर स्वतंत्रता आन्दोलन में अपनी भूमिका निभाने की ओर अग्रसर किया। पंत जी ने सन् 1921 में असहयोग आन्दोलन, सन् 1942 में भारत छोड़ो आन्दोलन सहित सभी स्वतंत्रता आन्दोलनों में भागीदारी की। पं0 गोविन्द बल्लभ पंत जी ने स्वतंत्रता आन्दोलन को अपने जीवन का एक हिस्सा बना लिया था। लखनऊ की काकोरी की घटना में उन्हांेने क्रान्तिकारियों की न्यायालय में पैरवी की तथा इसके लिए एक अभियान भी चलाया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पं0 गोविन्द बल्लभ पंत का यशस्वी नेतृत्व प्रदेश को स्वतंत्रता से पूर्व वर्ष 1937 से वर्ष 1939 तक तथा स्वतंत्रता के पश्चात वर्ष 1947 से वर्ष 1954 तक मुख्यमंत्री के रूप में प्राप्त हुआ। वर्ष 1939 में ब्रिटिश सरकार द्वारा भारत को द्वितीय विश्व युद्ध से जोड़े जाने के कारण उन्होंने मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने कहा कि आजादी के पश्चात वर्ष 1947 में पं0 गोविन्द बल्लभ पंत पुनः उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। पंत जी के समय उत्तर प्रदेश देश की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था तथा प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय देश की प्रति व्यक्ति आय के समान थी।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पंत जी ने प्रदेश को देश की नम्बर एक अर्थव्यवस्था बनाने का जो बीड़ा उठाया और उसे वहां पर ले गये, उसी पर चलते हुए विगत चार वर्षों के दौरान उत्तर प्रदेश देश की दूसरी अर्थव्यवस्था बन गया है। उत्तर प्रदेश की कानून-व्यवस्था आज पूरे देश में एक नजीर प्रस्तुत कर रही है। प्रदेश में इन्फ्रास्ट्रक्चर व विकास के अन्य क्षेत्रों में जो कार्य हो रहा है वह आने वाले दिनों में प्रदेश की अर्थव्यवस्था को और सुदृढ़ करेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश का वर्तमान राजकीय चिन्ह पं0 गोविन्द बल्लभ पंत की देन है। इस राजकीय चिन्ह में गंगा-यमुना एवं प्रयागराज के संगम तथा भगवान श्रीराम जी का धनुष-बाण अंकित हैं। इससे भारत और भारतीयों तथा अपनी परम्परा एवं संस्कृति के प्रति उनका भाव व्यक्त होता है। उन्होंने कहा कि पंत जी के समय ही प्रदेश का नाम उत्तर प्रदेश पड़ा। देश के गृह मंत्री बनने पर पूरे राष्ट्र को पंत जी का नेतृत्व मिला। पंत जी ने देश की आन्तरिक सुरक्षा, रणनीति, पैरा मिलिट्री की भूमिका के सम्बन्ध में विशेष कार्य किया।