लखनऊ :

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि डबल इंजन सरकार ने विगत 08 वर्षों में उत्तर प्रदेश को एक्सप्रेस-वे स्टेट के रूप में स्थापित करने में बड़ी भूमिका का निर्वहन किया है। हमें उत्तर प्रदेश को इन्वेस्टमेन्ट के एक बेहतरीन डेस्टिनेशन के रूप में स्थापित करने में भी सफलता प्राप्त हुई है। एक्सप्रेसवेज को प्रदेश की इकोनॉमिक ग्रोथ का बैक बोन बनाने की दृष्टि से आज उत्तर प्रदेश में इन्टीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग एण्ड लॉजिस्टिक क्लस्टर की लॉचिंग की गई है। यह प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के उत्तर प्रदेश जैसे राज्य के लिए देखे गये सपने के साकार होने जैसा है।
मुख्यमंत्री जी आज यहां अपने सरकारी आवास पर 27 इन्टीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग एण्ड लॉजिस्टिक क्लस्टर की लॉचिंग करने के उपरान्त अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्हांने प्रदेश में संचालित और निर्माणाधीन एक्सप्रेसवेज की प्रगति की समीक्षा भी की। उन्होंने कहा कि यह पहली बार हुआ है कि एक्सप्रेस-वे के रूप में इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास के साथ ही, प्रदेश में इण्डस्ट्रियल क्लस्टर और कॉरिडोर का विकास भी किया जा रहा है। डिफेन्स मैन्युफैक्चरिंग कॉरिडोर के 06 नोड प्रदेश में पहले से ही बन रहे हैं, लेकिन यह 06 नोड एक्सप्रेस-वे पर नहीं बन रहे हैं। इनको भारत सरकार की सहमति से हमने स्थापित किए थे। वहां पर इससे जुड़ा इन्वेस्टमेन्ट हो रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इन्टीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग एण्ड लॉजिस्टिक क्लस्टर का विकास प्रदेश के लिए एक युग परिवर्तक घटना के रूप में माना जा सकता है। 05 एक्सप्रेस-वे के दोनां ओर 13,240 एकड़ से अधिक भूमि में एक साथ 27 ऐसे क्लस्टर विकसित किए जाएंगे। यह नए भारत के नए उत्तर प्रदेश की तस्वीर है, जिसने अपने आपको बीमारू राज्य से भारत के ग्रोथ इंजन के रूप में प्रस्तुत किया है। नया उत्तर प्रदेश विकसित भारत की संकल्पना में अपनी भूमिका के निर्वहन के लिए स्वयं को तैयार कर रहा है। यह एक बड़ा अभियान है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सुरक्षा, लैण्डबैंक, बेहतरीन इन्फ्रास्ट्रक्चर तथा कनेक्टिविटी इन्वेस्टमेन्ट की अनिवार्य शर्तें हैं। यह सभी आज उत्तर प्रदेश में निवेशकों के लिए उपलब्ध है। सभी एक्सप्रेस-वे पर सर्विस लेन की सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उन्होंने स्वयं गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे पर 91 किलोमीटर की यात्रा सड़क मार्ग से तय की है। यह तेज रफ्तार के साथ-साथ आरामदायक भी था। यह आज के उत्तर प्रदेश के इन्फ्रास्ट्रक्चर की स्थिति है, जिस मामले में पहले राज्य पिछड़ा माना जाता था। जिस प्रदेश में कोई इन्वेस्टमेन्ट के लिए नहीं आना चाहता था, आज वहां इन्वेस्टमेन्ट हो रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हमें औद्योगिक निवेश के लिए भूमि की कीमत को कम करने तथा हॉरिजेन्टल के स्थान पर वर्टिकल उद्योगों की स्थापना की दिशा में प्रयास करने चाहिए। औद्योगिक विकास से जुड़े हुए हमारे जितने भी प्राधिकरण हैं, उनमें मैनपावर की पर्याप्त उपलब्धता होनी चाहिए। यह अच्छे परफॉर्मेंस की पहली शर्त है। उत्तर प्रदेश प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में जिस दिशा में आगे बढा है, इन कार्यों से हम नई सोच के साथ देश के सामने एक मॉडल प्रस्तुत कर सकेंगे।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इन्टीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग एण्ड लॉजिस्टिक क्लस्टर की स्थापना एक अच्छी शुरूआत है। यह 27 क्लस्टर आने वाले समय में एक्सप्रेस-वे की तस्वीर को बदलने तथा उत्तर प्रदेश को औद्योगिक निवेश के बेहतरीन डेस्टिनेशन के रूप में स्थापित करने में एक बड़ी भूमिका का निर्वहन करेंगे। मुख्यमंत्री जी ने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि प्रदेश में आने वाले निवेशकों की भावनाओं के अनुरूप हम इन्टीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग एण्ड लॉजिस्टिक क्लस्टर को एक मॉडल के रूप में प्रस्तुत करने में सफल होंगे।
इस अवसर पर औद्योगिक विकास मंत्री श्री नन्द कुमार गुप्ता ‘नन्दी’ ने कहा कि मुख्यमंत्री जी ने उत्तर प्रदेश को देश के सर्वोत्तम राज्य के रूप में पहचान दी है। उन्होंने विगत 08 वर्षों में प्रदेश की तस्वीर और तकदीर को बदलने का कार्य किया है। आज हमारा प्रदेश एक्सप्रेस-वे स्टेट के रूप में पहचान बना रहा है।
मुख्य सचिव श्री मनोज कुमार सिंह ने कहा कि प्रदेश के इतिहास में यह पहली बार हुआ है, जब शासन ने 15 हजार करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि औद्योगिक प्राधिकरणों को भूमि क्रय करने तथा औद्योगिक क्षेत्र का विकास करने के लिए उपलब्ध करायी है। यह मुख्यमंत्री जी की दूरदर्शी सोच का परिणाम है। यह प्रदेश में औद्योगीकरण को बड़ा बूम देगा।
इस अवसर पर औद्योगिक विकास राज्य मंत्री श्री जसवन्त सिंह सैनी, मुख्य सचिव श्री मनोज कुमार सिंह, प्रमुख सचिव अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास श्री आलोक कुमार, एम0एस0एम0ई0 सचिव श्री प्रांजल यादव एवं यूपीडा के अधिकारी उपस्थित थे।
ज्ञातव्य है कि उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरीडोर के अन्तर्गत प्रदेश के 06 जनपदोंं चित्रकूट, झांसी, कानपुर, अलीगढ़, लखनऊ व आगरा में कुल 5,184 एकड़ क्षेत्र में डिफेंस नोड्स को स्थापित किया जा रहा है। इसमें से 5,017 एकड़ क्षेत्रफल प्राधिकरण द्वारा अर्जित किया जा चुका है।
प्रदेश में 05 एक्सप्रेसवे-बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे, गंगा एक्सप्रेस-वे, गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे, पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे तथा आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे के किनारे 27 क्लस्टर्स के रूप में कुल 13,240 एकड़ में इण्डस्ट्रियल नोड्स की स्थापना होगी। इसमें से 9,864 एकड़ भूमि अर्जित की जा चुकी है। 3376 एकड़ भूमि के अधिग्रहण की कार्रवाई प्रक्रियाधीन है।
इन सभी नोड्स में क्षेत्रफल के लिहाज से बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे का नोड सबसे बड़ा है गंगा एक्सप्रेस-वे नोड सबसे ज्यादा जनपदों में विस्तृत है, जबकि गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे नोड क्षेत्रफल और जिलों के आधार पर सबसे छोटा है। बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे के समीप 06 जनपदों में कुल 4,723 एकड़ क्षेत्र में आई0एम0एल0सी0 की स्थापना होगी।
आई0एम0एल0सी0 के अन्तर्गत निवेशकों को आकर्षक भू-दरों पर भूखण्ड, लॉजिस्टिक्स की विशेष सुविधाएं, सुगम कनेक्टिविटी, सुविधाजनक सड़क, रेल व हवाई कनेक्टिविटी, समर्पित बुनियादी सुविधाएं, पारदर्शी भू-आवंटन प्रक्रिया तथा अनुकूल औद्योगिक वातावरण व श्रम शक्ति की उपलब्धता जैसी सुविधाएं मिलेंगी। उन्हें टेलर मेड भूखण्ड आवंटन, नोड विशेष पर बल्क भूमि आवंटन के लिए अभिरुचि तथा विकासकर्ता के रूप में उन्हें पी0पी0पी0 मॉडल पर इण्डस्ट्रियल पार्क विकसित करने की सुविधाएं मिलेंगी