मो. आरिफ़ नगरामी

कोरोना वायरस कहरे इलाही बन कर दुनिया पर टूटा ओर पूरी दुनिया को अपनी लपेट में ले लिया। दुनिया के तमाम लोग अपने अपने घरों में महसूर हो गये, दुनिया थम सी गयी। पूरी दुनिया में एक मुहीब और ख़ौफ़ज़दा करने वाला सन्नाटा छा गया। दुनिया भर की मईशत तबाह हो गयी। लाखों नहीं बल्कि करोडों अफराद अपनी नौकरियों से हाथ धो बैठे। पूरी दुनिया में हाहाकार मच गयी। डेढ साल के अरसे मेें 40 लाख से ज्यादा अफराद को कोरोना वायरस की वबा अपना शिकार बना लिया। हर घर से जनाजे निकलने लगे । दुनिया ऐ मातम कदा बन गयी। दुनिया भर में इबादत गाहों को भी बंद कर दिया गया जहां जाकर लोग अपने गुनाहों की माफी परवरदिगारे आलम से तलब कर सकते थे। हमारे मल्क हिन्दुस्तान साढे तीन लाख से ज्यादा अफराद भी इस वेबा का शिकार हो गये जबकि कोरोना वायरस के मरीजों की तादाद हमारे मुल्क में तीन करोड से ज्यादा हो चुकी है।

डेढ साल कब्ल जब यह वेबा दुनिया में नमूदार हुयी तो इस के बारे मेें किसी मुल्क या किसी साईंसदां को कुछ नहीं मालूम था कि यह है क्या? और इसी लिये लातादाद जानों का नुकसान हो गया। लाइल्मी और तैयारी के न होने की वजह से मुल्कों कोहराम मच गया और दुनिया तबाही के किनारे पहुँच गयी। इसके बाद दूसरी लहेर की आमद हुयी जो आज तक जारी है । दूसरी लेहर पहली लहेर से ज्यादा खतरनाक और जानलेवा साबित हो रही है। अभी दूसरी लहेर खत्म भी नहीं हुयी कि तीसरी लहेर के आने की वहशतनाक खबरें आना शुरू हो गयी हैं WHO ने दुनिया को इत्तेला दी है कि कोरोना वायरस की किस्म डेल्टा सरीहउल हरकत और अब तक की ऐसी खतरनाक किस्म है जो कमजोर अफराद को तलाश करके हलाक करने की सलाहियत रखता है। WHO का यह भी कहना है कि डेल्टा मजीद जानलेवा हो सकती है क्योंकि यह इन्सानों के दरमियान इसकी मुन्तकिली बहुत ज्यादा मुतअस्सिर तरीके से होती है। मुहकमये सेहत का यह भी कहना है कि डेल्टा ऐसे अफराद को तलाश कर लेगी जो बहुत ज्यादा बीमार होंगेें और उनकी हलाकत का खतरा होगा इस वक्त डेल्टा प्लस दुनिया के 110 ममालिक में फैल चुका है। हमारे मुल्क हिन्दुस्तान में भी इस मुहलिक और जानलेवा डेल्टा प्लास ने दस्तक दे दी। अभी तक पूरे में कोरोना वायरस की इस नयी किस्म के 40 से ज्यादा मरीज मिल चुके है। सबसे ज्यादा मरीज सूबे महाराष्ट्र में भी पाये गये थे वाज़ेह रहे कि कोरोना वायरस की पहली और दूसरी लहेर में सबसे ज्यादा मरीज महाराष्ट्र में ही पाये गये थे और वहीं सब से ज्यादा मौतें हुयी थीं। कोरोना वायरस की नयी किस्म डेल्टा प्लस के फैलाव को देखते हुये WHO ने दुनिया के अमीर मुल्कों से अपीलकी है कि वह गरीब मुल्को को वैक्सीन फराहम करायें ताकि लोग इस मर्ज से अपने आप को महफूज कर सकें।

जदीद दुनिया के सांईसी और तिब्बी मोजिजात को पाये हेकारत से ठुकराते हुये कोरोना वायरस मुसलसल अपनी फतेह और कामरानी के झण्डे गाड़ता जा रहा है पहली और दूसरी लहेर के दौरान इस मामूली से नादीदा वायरस ने जो कहेर बरपा किया है। तारीख आलम में इसकी मिसाल नहीं मिलती है। जायेजा और सर्वे के बाद माहिरीने सेहत ने बार बार आगाह किया था कि दूसरी लहेर हिन्दुस्तान के लिये संगीन सूरते हाल का सबब बन जायेगी लेकिन हुकूमत ने माहिरीने सेहत के मशविरों पर अमल नहीं किया । दूसरी लहेर से निपटने के लिये न तो मरकजी हुकूमत ने कोई तैयारी की और न ही रियासतों को इस बात का होश रहा कि वह कोरोना वायरस की दूसरी लहेर से हिफाजत की तैयारी कर लें। नामुनासिब तैयारी में नाकामी की वजह से हिन्दुस्तान दूसरी लेर की तबाहकारी पर काबू पाने में बुरी तरह नाकाम रहा। और मुल्क को दवा, आक्सीजन और वैक्सीन की सख्त तरीन किल्लतों का सामना करना पडा। अब खुदा खुदा करके दूसरी लहेर का दम टूट रहा है तो हुकूमत के साथ साथ अवाम ने भी चैन की बांसुरी थाम ली है और ऐसा लग रहा है कि तीसरी लहेर की पेशनगोई को भी पहले ही की तरह गैर संजीदगी से लिया जायेगा।

कोरोना वायरस के नये डेल्टा प्लस वैरियेंट ने दुनिया के सामने मुशकिलात का पहाड़ खड़ा कर दिया क्योंकि यह नया वायरस इन्तेहाई खतरनाक बताया जा रहा है । हिन्दुस्तान में भी कर्नाटक, केरल,मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में इस मूजी वैरियंट की तस्दीक हो चुकी है। माहिरीन का कहना है कि अगले दो महीनों में हिन्दुस्तान को कोरोना की तीसरी लहेर का सामना होगा और यह लहेर आइन्दा एक साल तक अवाम के लिये खतरे का सबब बनी रहेगी। इसी दरमियान और वबाई अमराज के माहिरीने ने एक सर्वे में कहा है कि जिस में बताया गया है कि 85 फीसद कोरोना की तीसरी लहेर अक्तूबर में आने का खदशा है जब कुछ साईंसदानों ने अगस्त या सितम्बर में तीसरी लहेर के आने का खौफ जाहिर किया है। कुछ माहिरीन ने हिन्दुस्तान में तीसरी लहेर की आमद नवम्बर या फिर फरवरी में बतायी है। माहिरीन का कहना है कि कोरोना की तीसरी लहेर में 18 साल से कम अम्र के बच्चे ज्यादा मुतअस्सिर होगे। वैसे यह भी कहा जा रहा है हिन्दुस्तान अगर टीकाकारी में इजाफा हुआ और तेजी के साथ इस मुहिम को तकमील तक पहुंचाया गया और मुमकिन है कि नयी लहेर की शिद्दत में कमी वाके हो सकती है। वैसे हमारे मल्क हिन्दुस्तान में बहुत ही तेजी के साथ और नेहायत नज्म के साथ कोरोना का टीका मुफत लगया जा रहा है। और यह बहुत बड़ी बात है कि 140 करोड के मुल्क में हर शख्स को मुफ्त टीकाकारी की जा रही है। और अब तक मुल्क के करोड़ों अफराद टीका लगवा चुके है। जो लोगो टीका लगवाने से परहेज कर रहे है उनके मालूम होना चाहिये कि कोरोना से महफूज रहने का वाहिद तरीका सिर्फ और सिर्फ टीकाकारी है। टीका लगवा कर आप कोरोना वायरस से महफूज रह सकते है। हमारे मल्क के हर मजहब के रहनुमाओं ने अवाम से दरख्वास्त की है कि टीका लगवाने में कोई हर्ज नहीं है। टीका ज़िन्दगी है मगर हमारे मुल्क में अपोजीशन नाम की एक चीज होती है जो हुकूमत के हर काम को गलत बताने की कोशिश करती है। अवाम को भडकाने की कोशिश करती है। और इसी भडकावें में अभी मुल्क के अकसर अफराद खास कर देही इलाके के बाशिन्दों ने टीका नहीं लगवाया हेै जो कि गलत है। मुल्क में तीसरी लहेर के बाने से पहले मुल्क के 130 करोड़ की आबादी को टीका लगवाना मुमकिन नहीं है। इसलिये जरूरत इस बात की है कि हुकूमती सतेह पर बयानबाजी और रोजाना की बुनियादों पर प्रेस काफ्रेंस करके दाद व तहसीन वसूल करने और हंगामा मचाने के बजाये इससे निपटने की तैयारी की जाये। सिर्फ फोन में एहतियात बरतने की तलकीन वाली कालर टयून लगा देने से तैयारी पूरी नहीं हो सकती है। तीसरी लहेर के खदशात के पेशे नजर हुकूमत तीसरी लहेर और डेल्टा प्लस वैरियंट से निपटने के लिये अभी से कमर कस लें।