लखनऊ:
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी अदित्यनाथ ने आज अपने सरकारी आवास पर मंत्रिगणों, अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव तथा सचिव स्तर के अधिकारियों के साथ बैठक की। ज्ञातव्य है कि सांसद व विधायकगणों के साथ प्रदेश के सभी 18 मण्डलों में संचालित विकास परियोजनाओं की गहन समीक्षा के बाद यह बैठक आहूत की गयी। विशेष बैठक में मुख्यमंत्री जी ने वर्तमान वित्तीय वर्ष के बजट में प्राविधानित राशि के उपयोग की विभागवार समीक्षा की तथा जन अपेक्षाओं के अनुरूप विकास कार्यों को तेज करने सम्बन्धी आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में फरवरी, 2023 में यू0पी0 ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट और जी-20 के कार्यक्रमों के उपरान्त आगामी वित्तीय वर्ष का बजट प्रस्तुत किया जाना है। सभी विभाग अपनी भावी योजनाओं के अनुरूप बजट के लिए अपना प्रस्ताव तैयार कर भेजें। यह बजट प्रदेश की 25 करोड़ जनता की आकांक्षाओं के अनुरूप होगा। बजट प्रस्ताव में लोक कल्याण संकल्प पत्र के बिंदुओं का समावेश करें। यह सुनिश्चित करें कि विभागों के प्रस्ताव वास्तविक हों। जितनी आवश्यकता हो, उतनी ही डिमाण्ड करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2022-23 के समाप्त होने में अब दो माह ही शेष हैं। वर्तमान वित्तीय वर्ष की समाप्ति से पूर्व सभी विभागों द्वारा वर्तमान बजट में प्राविधानित धनराशि का सदुपयोग सुनिश्चित किया जाए। विभागीय स्तर पर व्यय की समीक्षा भी जाए। सम्बन्धित मंत्रिगण भी विभागीय स्थिति की समीक्षा करें। वित्त विभाग द्वारा आगामी बजट प्राविधान तय करते समय, वर्तमान वित्तीय वर्ष में विभाग के प्रदर्शन को भी ध्यान में रखा जाए। विभाग की मांग के अनुरूप ही बजट में प्राविधान किया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आवंटन के अनुरूप खर्च में होमगार्ड, ग्राम्य विकास, पंचायती राज, कृषि, पशुपालन, सहकारिता, लोक निर्माण, दिव्यांग जन सशक्तिकरण, एम0एस0एम0ई0, नगर विकास, वन तथा व्यावसायिक शिक्षा विभाग को प्रयास तेज करने होंगे। इन विभागों में अनेक महत्वपूर्ण परियोजनाएं संचालित हो रही हैं, इन्हें प्राथमिकता के साथ पूरा कराएं। गांवों में अवस्थापना सुविधाओं के विकास में आमजन को सहभागी बनाने के लिए ‘मातृभूमि योजना’ प्रारम्भ की गई है। बड़ी संख्या में लोगों ने इस योजना से जुड़कर अपने गांव में अपने पूर्वजों के नाम पर भवन, सड़क, कम्युनिटी सेन्टर आदि बनवाने की इच्छा व्यक्त की है। इस योजना से अधिकाधिक लोगों को जोड़ने के लिए प्रयास किये जाने चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अन्त्योदय के लक्ष्य के अनुरूप हर जरूरतमंद को सामाजिक सुरक्षा उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार संकल्पित है। दिव्यांगजन, निराश्रित महिला और वृद्धावस्था पेंशन तथा छात्रवृत्ति की धनराशि नियमित अन्तराल पर लाभार्थी को प्राप्त हो। इसमें बिल्कुल भी देरी नहीं होनी चाहिए। पेंशन की यह राशि लाभार्थी के लिए बड़ा सम्बल बनती है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी दो माह की अवधि में प्रदेश के सभी विधानसभा क्षेत्रों में रोजगार मेलों का आयोजन हो। इसके लिए रोजगार एवं सेवायोजन विभाग, उद्योग विभाग के साथ मिलकर कार्ययोजना तैयार करे। इन मेलों के आयोजन के लिए स्थानीय जनप्रतिनिधियों का मार्गदर्शन लें। प्रभारी मंत्रिगण भी इन मेलों में उपस्थित रहेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बिजली बिल के समयबद्ध भुगतान के लिए उपभोक्ताओं को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। इसके लिए यह जरूरी है कि लोगों को समय पर सही बिल मिले। ओवरबिलिंग, फाॅल्स बिलिंग अथवा विलम्ब से बिल दिया जाना उपभोक्ता को परेशान करता है। इस व्यवस्था में सुधार के लिए तथा बिलिंग और कलेक्शन एफिशिएंसी बढ़ाने के लिए ऊर्जा विभाग को ठोस कार्ययोजना बनानी होगी। ग्रामीण इलाकों में विशेष प्रयास की जरूरत है। बिजली बिल की वसूली के नाम पर कहीं भी उत्पीड़न नहीं होना चाहिए।