लखनऊः उत्तर प्रदेश एवं मध्य प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने आज राजभवन, भोपाल से बांदा कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, बांदा द्वारा बांदा जिले की नव-निर्वाचित महिला ग्राम प्रधानों के लिये आयोजित ‘क्षमता संवर्धन कार्यशाला’ का ऑनलाइन उद्घाटन किया। इस अवसर पर राज्यपाल जी ने नव-निर्वाचित महिला ग्राम प्रधानों को बधाई देते हुए कहा कि वर्तमान मे ग्राम पंचायत चुनाव में 33 प्रतिशत ग्रामीण महिलाएं, ग्राम प्रधान निर्वाचित हुईं हैं । मुझे प्रसन्नता है कि आप सभी को सरकारी योजनाओं तथा कार्यक्रमों की जानकारी देने के लिए यह कार्यशाला हो रही है। उन्होंने कहा कि ग्राम प्रधान अपने ग्राम के विकास के लिये काम करता है। बहुत से महिलाएं पहली बार ग्राम प्रधान चुनी गई हैं, इसलिए उन्हें कुछ मार्गदर्शन की आवश्यकता है।

राज्यपाल ने कहा कि इसी बात को दृष्टिगत रखते हुए 31 मई, 2021 से 02 जुलाई, 2021 तक उत्तर प्रदेश राज्य विश्वविद्यालयों की समीक्षा बैठक के दौरान मैंने महिला सशक्तीकरण बिन्दु पर भी चर्चा की थी और विश्वविद्यालयों से कहा था कि विश्वविद्यालय में स्थाापित महिला अध्ययन केन्द्र महिला सशक्तीकरण, स्वावलम्बन, स्वास्थ्य, शिक्षा संस्कार पोषण आदि के साथ-साथ समाज में व्याप्त विभिन्न सामाजिक कुरीतियों जैसे दहेज प्रथा लिंग भेद, बाल-विवाह आदि के प्रति जागरूकता कार्यक्रम चलायें ताकि इन्हें समाप्त किया जा सके। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि बांदा कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, बांदा द्वारा महिला ग्राम प्रधानों के लिये ‘क्षमता संवर्धन कार्यशाला’ का आयोजन एक सार्थक पहल है।

राज्यपाल ने कहा कि अभी तक जो महिलायें केवल घर का काम करती थी अब वे ग्राम प्रधान बनी है। महिला ग्राम प्रधान पूरे गांव की मां होती है इसलिये ग्राम सभा से जुड़े समस्त विकास कार्यों की जानकारी उन्हे होनी चाहिए। महिला ग्राम प्रधान अपनी ग्राम सभा के प्राथमिक स्कूलों, आंगनबाड़ी केन्द्रो को सुदृृढ़ करें तथा केन्द्र व राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ लोगों को अपनी ग्राम सभा में दिलाएं। इसके साथ ही अपनी ग्राम सभा को क्षयरोग एवं कुपोषण मुक्त करने में अपनी सक्रिय भागीदारी निभायें। उन्होंने कहा कि ग्राम प्रधान अपने ग्राम में बेटियों की एनीमिया जांच कराने, गर्भवती महिलाओं का सौ प्रतिशत प्रसव अस्पताल में कराने तथा स्तनपान को बढ़ावा देने की दिशा में भी कार्य करें।