राज्यपाल से भारतीय प्रशासनिक सेवा 2022 बैच के 14 परिवीक्षाधीन अधिकारियों ने की शिष्टाचार भेंट

लखनऊः
उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से आज राजभवन में भारतीय प्रशासनिक सेवा 2022 बैच के 14 परिवीक्षाधीन अधिकारियों ने शिष्टाचार भेंट की। इस अवसर पर परिवीक्षाधीन अधिकारियों को सम्बोधित करते हुये राज्यपाल ने कहा कि आज सरकार तथा आम आदमी की आपसे बहुत अपेक्षायें हैं, आपका दायित्व है कि लोगों का कार्य त्वरित रूप से निस्तारित करें ताकि उन्हें अनावश्यक रूप से दफ्तरों के चक्कर ना लगाने पड़ें। राज्यपाल जी ने प्रत्येक कार्य कानून के दायरे में करने तथा नियम का पालन करते हुए त्वरित रूप से निष्पादित करने का सुझाव दिया।

छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर में हाल ही में आयोजित दो दिवसीय शिक्षा मंथन-2023 पर राज्यपाल जी ने चर्चा करते हुए नवोदित अधिकारियों को बताया कि इससे देश-प्रदेश से आये विद्वानों के विश्लेषण परक विचार-विमर्श प्रदेश के उच्च शिक्षण संस्थानों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त शिक्षण संस्थानों में गणनीय बनाने की दिशा प्रशस्त करेंगे और ऐसे कार्यक्रमों में दिये गये सुझावों का अनुसरण अधिकारियों को अपने कार्यक्षेत्र में अमल करना चाहिए।

उन्होंने प्रशिक्षु अधिकारियों से कहा कि आप अपनी जिम्मेदारी को समझें और सेवा भाव से कार्य करें। साथ ही आपका यह प्रयास होना चाहिए कि श्रेष्ठ जीवन जीने वालों का अनुसरण करे और उनके द्वारा दिखाये गए पथ पर चलकर अपने देश एवं प्रदेश का नाम रोशन करें। आप विभाग के दायरे से बाहर निकलकर अन्य विभागों से तालमेल बनाकर जनहित के कार्यों में अपना महत्वपूर्ण योगदान दें, साथ ही इस बात का विशेष ख्याल रखें कि कोई भी फरियादी आपके पास से निराश होकर न जाये।

राज्यपाल ने कहा कि प्रत्येक अधिकारी को जनता के हितो को केन्द्र में रखकर कार्य करना चाहिए। फाइल पर बार-बार आपत्ति लगाने की प्रवृत्ति पर तीखी प्रतिक्रिया करते हुए उन्होंने कहा कि अधिकारियों का यह दायित्व होना चाहिए कि प्रस्तुत फाइल को पूरी तरह से पढ़कर उसके हर पहलू को समझकर त्वरित निर्णय लेकर व्यक्ति को समाधान दिये जाने का प्रयास करें। ताकि सम्बन्धित व्यक्ति विभाग के अनावश्यक चक्कर न लगाये।

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि जो भी बजट अनुदान के रूप में सरकार द्वारा किसी कार्य पूर्ति हेतु विभाग को आवंटित की जाये उसका पूर्ण सदुपयोग होना चाहिए और लक्षित कार्य में उसे व्यय किया जाना चाहिए। उन्होंने नवोदित अधिकारियों को सुझाव दिया कि उन्हें भ्रमणशील होना चाहिए। दूर-दराज के गांवों तक जाकर उन्हें वहां के लोगो की समस्याओं की स्थलीय जानकारी प्राप्त करना चाहिए ताकि मौके पर लोगों की समस्याओं का निराकरण हो सकें। अधिकारियों को आकस्मिक निरीक्षण भी करते रहना चाहिए।

उन्होंने कहा कि आप सभी नवोदित्त अधिकारी अपने कैरियर की शुरूआत कर रहे हैं इसलिए अभी से आपको संतुलित एवं अनुशासित होकर टीम वर्क के साथ कार्य करने की आदत अपने व्यवहार में शामिल कर लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि अधिकारी से ज्यादा सर्वप्रथम आप सभी अच्छे इंसान बनकर जनता के बीच एक जीवन उदाहरण बनकर उभरे ताकि लोगों का विश्वास आपके प्रति दृढ़ हो। यह तभी संभव हो सकता है जब आपके अन्दर एक सकारात्मक सोच, सजृनात्मकता तथा मानवता हो, तभी आप लोगों के दिलों में अपना स्थान बना पायेंगे। उन्होंने कहा कि किसी भी फरियादी की समस्या को दूर करने के लिए आप को स्वयं उस समस्या को महसूस करना होगा, तभी आप पीड़ित व्यक्ति को राहत दे पायेंगे।

राज्यपाल का स्वागत प्रशिक्षु अधिकारियों द्वारा तुलसी का पौधा भेंट कर किया गया।

कार्यक्रम में प्रशिक्षु अधिकारियों ने परिवीक्षा अवधि में किये गये कार्यों तथा उनसे प्राप्त अनुभवों को साझा किया।

इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव नियुक्ति एवं कार्मिक देवेश चतुर्वेदी, अपर मुख्य सचिव राज्यपाल श्री एस.एम. बोबडे, उत्तर प्रदेश प्रशासन एवं प्रबंधन अकादमी, लखनऊ के महानिदेशक एल. वेंकटेश्वर लू सहित प्रशिक्षु अधिकारी मौजूद थे।