दिल्ली:
जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे आज एक जानलेवा हमले के बाद मौत हो गई है। नारा क्षेत्र में एक चुनावी संबोधन के दौरान उन पर हमलावर ने दो गोलियां दाग दी थीं। खून से लथपथ आबे को तुरत-फुरत में अस्पताल पहुंचाया गया जहाँ उनकी मौत हो गयी.वहीँ खबरों में किये जा रहे दावों के मुताबिक शिंजो आबे का हमलावर पत्रकार के भेष में मौके पर पहुंचा था और कैमरे में अपनी बंदूक छिपा रखी थी। उसी से उसने आबे पर गोलियां बरसाई गईं।

रिपोर्ट्स में यह भी बताया जा रहा है कि बंदूक रखने को लेकर जापान के कड़े नियमों को देखते हुए हमलावर ने आबे पर हमले के लिए खुद बंदूक बनाई थी। बंदूक संस्कृति पर अंकुश लगाने में जापान की सफलता उसके इतिहास से घनिष्ठ रूप से जुड़ी हुई है। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद,जापान शांतिवाद के समर्थक देशों में से एक के रूप में उभरा। 1946 में सुरक्षा के लिए अमेरिकी सैनिकों द्वारा बनाए जाने के बाद ही पुलिस ने आग्नेयास्त्रों को ले जाना शुरू किया। यह 1958 तक जापानी कानून में भी लिखा गया है, कि “किसी भी व्यक्ति के पास बन्दूक या आग्नेयास्त्र या तलवार नहीं होगी।”