नई दिल्लीः कांग्रेस अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गाँधी ने पार्टी की पुरानी परम्पराओं को दरकिनार करते हुये पार्टी के इतिहास में पहली बार मुख्यमंत्रियों को चुनाव वाले राज्यों का पर्यवेक्षक बनाकर एक नयी शुरुआत की।

पार्टी पर्यवेक्षकों के नामों की घोषणा
असम,केरल, तमिलनाडु, पुडुचेरी और पश्चिमी बंगाल के चुनावों के लिये उन्होंने पार्टी पर्यवेक्षकों के नामों की घोषणा कर दी। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को असम का पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है, उनके साथ मुकुल वासनिक, शकील अहमद खान को भी असम की ही जिम्मेदारी सौंपी गयी है।

गहलोत को केरल की ज़िम्मेदारी
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को लुइज़िन्हो फेलेरो और जी परमेश्वरा के साथ केरल की जिम्मेदारी दी गयी है। तमिलनाडु और पांडुचेरी में वीरप्पा मोइली, एम एम पल्लम राजू तथा पश्चिमी बंगाल में बी के हरिप्रसाद, आलमगीर आलम, विजय इंदर सिंगला को पर्यवेक्षक के रूप में ज़िम्मेदारी दी गयी है।

नेताओं को हैरानी
सूत्रों के अनुसार सोनिया गाँधी के इस फैसले से पार्टी के तमाम वरिष्ठ नेता हैरत में हैं कि सोनिया ने आखिर क्यों मुख्यमंत्रियों को यह जिम्मेदारी दी। इन नेताओं की दलील थी कि अहमद पटेल के न रहने से अनुभवहीन नेता सोनिया गाँधी को सलाह दे रहे हैं, यह फैसला उसी का नतीज़ा है।