मुंबई:
चुनाव आयोग ने शिवसेना का तीर और धनुष न तो उद्धव गुट को दिया और न ही महाराष्ट्र की सत्ता पर विराजमान शिंदे गुट को. बाला साहब ठाकरे द्वारा पाली पोसी गयी शिवसेना का चुनाव चिन्ह उसने ज़ब्त करके अपने पास रख लिया, अब चुनाव आयोग के इस फैसले को उद्धव ठाकरे ने दिल्ली उच्च न्यायलय में चुनौती दी है. बता दें कि निर्वाचन आयोग ने टीम ठाकरे और प्रतिद्वंद्वी एकनाथ शिंदे गुट को मुंबई के अंधेरी पूर्व में आगामी उपचुनाव में एक नया नाम और प्रतीक चुनने के लिए कहा है।
निर्वाचन द्वारा जारी नोटिस का ठाकरे गुट ने शनिवार को अपना जवाब दे दिया है और शिंदे गुट द्वारा जमा किए गए दस्तावेज़ों को ध्यान से समझने के लिए चार और सप्ताह मांगे। वहीँ महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने निर्वाचन आयोग के समक्ष सुनवाई के दौरान उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट पर जानबूझकर समय बर्बाद करने का आरोप लगाया है। फडणवीस ने कहा कि ठाकरे गुट ने जानबूझकर सुनवाई की तारीख स्थगित कराई, लेकिन, स्थगन का मतलब यह नहीं है कि आप कानून से बच सकते हैं।
उपमुख्यमंत्री ने दावा किया कि जब भी कोई निर्णय शिवसेना (ठाकरे गुट) और कांग्रेस के खिलाफ जाता है तो वे आरोप लगाते हैं कि केंद्रीय एजेंसियों या स्वतंत्र निकायों पर दबाव डाला जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘किसी को यह नहीं भूलना चाहिए कि निर्वाचन आयोग ने अंतरिम आदेश दिया है, न कि अंतिम निर्णय।’’ भाजपा नेता ने कहा कि पिछले 25 साल में जब भी इस तरह पार्टी टूटने के मामले सामने आए हैं, आयोग ने चुनाव चिन्ह और पार्टी के नाम के इस्तेमाल पर रोक लगाई है।
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