फतेहपुर बाराबंकी
अब्दुल गफ्फार आजाद में निष्पक्ष पत्रकारिता की गरिमा को बनाए रखकर देश और समाज की सेवा की है जिसका बखान उनके विरोधी भी करते आए हैं उन्होंने कभी किसी दबाव को अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया जो देखा वही लिखा, उक्त विचार आज यहां कमर फाउंडेशन के तत्वाधान में आयोजित पत्रकार अब्दुल गफ्फार आजाद के परिनिर्वाण दिवस के अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे हाफिज अब्दुल हई ने व्यक्त किए।

सीतापुर से आए राष्ट्रीय सहारा उर्दू के पत्रकार इरफान मंसूरी ने अब्दुल गफ्फार आजाद को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए अपने मधुर संबंधों का जिक्र किया उन्होंने कहा कि अब्दुल गफ्फार आजाद एक बेहतरीन लेखक साहित्यकार और अच्छे इंसान थे कमर फाउंडेशन के संस्थापक मेराज अहमद कमर ने कहा कि अब्दुल गफ्फार आजाद पत्रकारिता के एक ऐसे दीप थे की जिसका उजाला अभी तक लोगों के मन मस्तिक में फैला हुआ है दैनिक कौमी सहाफत उर्दू के पत्रकार जावेद अख्तर ने कहा कि आजाद जी जब तक किसी खबर की पूर्णता छानबीन नहीं कर लिया करते थे उसे प्रकाशन हेतु नहीं भेजते थे यह उनकी विशेषता तमाम पत्रकार बंधुओं से उनको ऊपर रखती थी.

दैनिक उर्दू इंकिलाब के संवाददाता हाफिज अजमत अली ने उनकी बेलाग पत्रकारिता और ईमानदारी प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने पत्रकारिता जगत पर जो छाप छोड़ी है उससे हम लोग अभी तक लाभान्वित होते हैं उनके पदचिन्हों पर चल कर बहुत कुछ सीखा जा सकता है बुजुर्ग शायर राही सिद्दीकी ने अपने वाले आना संबंधों का उल्लेख करते हुए कहा कि हम दोनों एक ही उस्ताद के शागिर्द थे और यह साथ अंतिम समय तक बना रहा उन्होंने शायरी पढ़ कर उनको श्रद्धा सुमन अर्पित किए.

इस अवसर पर मशहूर अफसाना निगार और साहिबे दीवान शायर रहमान अब्बासी के शेर हस्सान साहिर ने प्रस्तुत कर भावभीनी श्रद्धांजलि दी. कार्यक्रम में राष्ट्रीय सहारा हिंदी के पत्रकार विजय राम जयसवाल राष्ट्रीय सहारा उर्दू के नुमाइंदे एहतेशाम आलम मंसूरी हाफिज अजमत अली पत्रकार दैनिक इंकलाब उर्दू मोहम्मद शाकिर बहलीमी उपाध्यक्ष जिला जमीयत ओलमाए हिन्द मुस्लिम आना फण्ड के सचिव अहमद सईद हर्फ, हाफिज आशिक अली, कामरान उमर, अशफाक अहमद,सज्जाद कमर, शादाब खान, के अतिरिक्त लोग भी उपस्थित रहे !