लखनऊ ब्यूरो
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति का व्यक्तिगत धर्म के साथ ही राष्ट्रधर्म भी है। राष्ट्रधर्म से जुड़ने की प्रेरणा संविधान से प्राप्त होती है। इसलिए संविधान के प्रति सम्मान का भाव हर भारतीय का दायित्व होना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत के संविधान का वास्तविक संरक्षक भारत का आम नागरिक है।

मुख्यमंत्री आज यहां लोक भवन में संविधान दिवस एवं अधिवक्ता कल्याणार्थ आयोजित एक कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सभी ने आज राष्ट्रपति के साथ संविधान की प्रस्तावना को दोहराया है। यह वर्ष आजादी का अमृत महोत्सव तथा चौरी-चौरा की घटना का शताब्दी वर्ष भी है। ऐसे समय में संविधान दिवस के कार्यक्रम से जुड़ना हम सभी का सौभाग्य है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि देश की आजादी के समय जब अंग्रेज अपनी कुटिल चाल चल रहे थे। कुछ लोगों ने भारत को अलग-अलग राष्ट्रीयताओं के समूह के रूप में दिखाने का प्रयास किया। इस समय एक बड़ा वर्ग भारत को एक रखने के लिए दृढ़ प्रतिज्ञ होकर कार्य कर रहा था। स्वतंत्रता के पश्चात स्वतंत्र भारत के प्रथम गृह मंत्री के रूप में सरदार वल्लभभाई पटेल ने बिना किसी विवाद के सभी की भावनाओं को समेटते हुए देशी रियासतों को जोड़कर भारत का वर्तमान स्वरूप देने का कठिन और चुनौतीपूर्ण कार्य किया।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि भाषा, जाति आदि से ऊपर उठकर भारत को जिन भावनाओं के साथ स्थापित करने का कार्य उस समय के महापुरुषों ने किया था। उन भावनाओं के प्रति आज भी देश के हर नागरिक में सम्मान का भाव दिखना चाहिए।