बिजनेस ब्यूरो
रिसर्च एजेंसी क्रिसिल ने शुक्रवार को कहा कि ज्यादा बारिशों की वजह से टमाटर उगने वाले बड़े क्षेत्रों में स्थिति बहुत ख़राब हुई है. जिसकी वजह से 25 नवंबर को कीमतों में 142 फीसदी बढ़ोतरी हुई है और दो और महीनों के लिए ज्यादा बनी रहेंगी, जब तक जनवरी से मध्य प्रदेश और राजस्थान में फसल आना शुरू नहीं होती.

क्रिसिल रिसर्च ने कहा कि कर्नाटक में ज्यादा बारिशों की वजह से लगी हुई फसलें बर्बाद हो गईं. राज्य में सामान्य से 105 फीसदी ज्यादा बारिश हुई है. वहीं, आंध्र प्रदेश में सामान्य से 40 फीसदी ज्यादा और महाराष्ट्र में 22 फीसदी अधिक बारिश हुई है. ये राज्य अक्टूबर से दिसंबर की अवधि के दौरान मुख्य आपूर्तिकर्ता हैं.

मौजूदा समय में, टमाटर 80 से 100 रुपये प्रति किलोग्राम पर बेचे जा रहे हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि महाराष्ट्र के मुख्य टमाटर उगने वाले क्षेत्रों में अगस्त में बारिशों की कमी की वजह से फसल में देरी हुई. इससे अक्टूबर में सप्लाई में देरी हुई और सितंबर की तुलना में कीमतों में 65 फीसदी का इजाफा देखा गया है.

हालांकि, प्याज के मामले में, हरियाणा से 10 से 15 दिनों के समय में नई सप्लाई शुरू होने की उम्मीद है, जिससे कीमतों में गिरावट आएगी. आलू के लिए, रिपोर्ट में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार और गुजरात में जरूरत से ज्यादा बारिशों से बुआई के सीजन को बड़ा झटका लगा है.