तेहरान: डाॅक्टर हसन रूहानी ने बुधवार को मंत्रीमंडल की बैठक में कहा कि किसी पैग़म्बर का अनादर न केवल यह कि कोई अच्छी बात नहीं है बल्कि यह नैतिकता के ख़िलाफ़ एक क़दम, हिंसा पर उकसाना और अरबों मुसलमानों व ग़ैर मुस्लिमों के भावनाओं को भड़काना है। उन्होंने इस सिलसिले में ग़लत क़दम उठाने वालों से मांग की कि वे जल्द से जल्द अपनी ग़लती की भरपाई करें और न्याय, नैतिकता व सभी आसमानी धर्मों के सम्मान के रास्ते पर लौट आएं।

ईरान के राष्ट्रपति ने पैग़म्बरे इस्लाम सल्लल्लाहो अलैहे व आलेही व सल्लम को मानवता के शिक्षक व पूरी दुनिया के लिए दया बताते हुए कहा कि यह बड़े आश्चर्य की बात है कि जो लोग संस्कृति व प्रजातंत्र के दावेदार हैं, वे दूसरों को हिंसा व रक्तपात के लिए उकसा रहे हैं। डाॅक्टर रूहानी ने कहा कि यूरोप के प्रत्येक व्यक्ति और पूरब व पश्चिम में रहने वाले सभी लोगों पर पैग़म्बरे इस्लाम का हक़ है क्योंकि वे इंसानियत के शिक्षक थे और बड़ी हैरानी की बात है कि जो देश आज़ादी, अधिकार व क़ानून का दावा करते हैं, वही लोगों को एक दूसरे का अनादर करने और उन लोगों का अनादर करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं जिनसे लोग दिल की गहराई से प्यार करते हैं।

ईरान के राष्ट्रपति ने इस बात का उल्लेख करते हुए दिलों में पैदा होने वाला सारा द्वेष पूरे इतिहास में पश्चिम की ओर से मुसलमानों पर किए गए अत्याचारों व हस्तक्षेप का परिणाम है, कहा कि इसका खुला उदाहरण, यमन की स्थिति है जिसके ग़रीब व संकट ग्रस्त लोग, पश्चिम वालों के बमों और पश्चिमी देशों द्वारा आक्रमणकारियों को दिए गए युद्धक विमानों के हमलों से मर रहे हैं। डाॅक्टर हसन रूहानी ने पश्चिम के कुछ अधिकारियों के ग़लत बयानों पर इस्लामी जगत की ओर से सही समय पर सामने आने वाली ठोस प्रतिक्रिया पर ख़ुशी जताते हुए कहा कि इस प्रतिक्रिया से पता चलता है कि इस्लामी जगत हमेशा अपने महान नेता व पैग़म्बर का अनुसरण करता रहेगा।