टीम ने घटनास्थल का दौरा किया, न्यायिक जांच की मांग

लखनऊ ब्यूरो
भाकपा (माले) की छह सदस्यीय टीम ने प्रयागराज में फाफामऊ दलित हत्याकांड में घटनास्थल का दौरा किया। पार्टी इस निर्मम व सामूहिक हत्याकांड के खिलाफ दो दिसंबर (गुरुवार) को राज्यव्यापी विरोध दिवस मनाएगी। इसके साथ ही, पार्टी ने घटना की उच्च स्तरीय न्यायिक जांच की मांग की है।

भाकपा (माले) के राज्य सचिव सुधाकर यादव ने सोमवार को जारी बयान में घटना को लेकर पुलिस पर लीपापोती करने का आरोप लगाया। कहा कि मृतक परिवार की लड़की को मोबाइल पर मैसेज भेजने वाले गांव के ही एक दलित युवक को पुलिस द्वारा चार-चार व्यक्तियों का हत्यारा बताना सतही और जल्दबाजी में निकाला गया निष्कर्ष लगता है। जबकि हत्या के इससे बड़े और गंभीर कारण – भूमि विवाद- मौजूद हैं, जिसमें आरोपी गांव का दबंग सवर्ण परिवार है। ये दबंग पिछले दिनों मृतक परिवार पर हमला भी कर चुके हैं और इनके विरुद्ध पहले भी मुकदमा दर्ज हुआ है। उसमें पुलिस द्वारा हमलावरों के खिलाफ कार्रवाई न करने और उन्हें संरक्षण देने का दृष्टांत मौजूद है। हत्याकांड की पुलिस जांच में असल हत्यारों को बचाने की बू आ रही है। ऐसे में न्यायिक जांच से ही न्याय होने की उम्मीद बची है।

उन्होंने कहा कि फाफामऊ बलात्कार व सामूहिक हत्याकांड और मथुरा की परीक्षार्थी छात्रा के साथ कार में गैंगरेप की सनसनीखेज घटनाएं राज्य में कानून-व्यवस्था के पूरी तरह से ठप हो जाने का प्रमाण हैं। यह दिखाता है कि मुख्यमंत्री योगी की सरकार में महिलाएं और दलित सर्वाधिक असुरक्षित हैं।

राज्य सचिव ने माले टीम के घटनास्थल के दौरे और निष्कर्षों की जानकारी देते हुए कहा कि कुल्हाड़ी से बर्बर तरीके से दलित परिवार के चारों व्यक्तियों की हत्या कर दी गई। मृतकों में शामिल लड़की (उम्र को लेकर अलग-अलग राय है) के साथ बलात्कार किया गया, जिसकी पुष्टि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी हुई है। घटना में सवर्ण सामंती दबंगों द्वारा पहले जमीन हड़पने की कोशिश की गई और फिर बर्बरता के साथ हत्या कर दी गई। गांव में सामंती दबंगों का खौफ इस तरह है कि आसपास के लोग घटना पर कुछ भी बोलने के लिए तैयार नहीं हो रहे थे।

माले टीम द्वारा पूछताछ पर गांव वालों ने बताया कि इस परिवार पर दबंग सवर्णों द्वारा इसके पहले भी कई बार हमला किया जा चुका है, लेकिन पुलिस ने इस संदर्भ में उनके जाति दंभ के कारण कोई कार्रवाई नहीं की थी। गांव के लोगों का यह भी कहना है कि अगर पुलिस द्वारा समय पर इस मामले में कार्रवाई की गई होती, तो शायद यह घटना नहीं घटती।

माले जांच दल ने कहा कि पिछले चार सालों में इस तरह की करीब दर्जनभर सामूहिक हत्या की घटनाएं प्रयागराज में हो चुकी हैं। यह सब तब हो रहा है जब प्रदेश में उत्तम प्रदेश का नारा देने वाली भाजपा सरकार सत्ता में हैं। लेकिन जमीनी परिस्थिति इसके ठीक विपरीत है। प्रदेश में आए दिन हत्या, बलात्कार व सामूहिक हत्या की घटनाएं हो रही हैं। फाफामऊ में हुई बर्बर घटना सत्ता में बैठे दबंग, माफिया व अपराधियों के गठजोड़ का मामला है तथा शासन-प्रशासन के संरक्षण में ही इस तरह की वीभत्स आपराधिक घटना हो सकती है।

माले टीम ने इस मामले में मुख्य अभियुक्तों की तत्काल गिरफ्तारी, पीड़ित परिवार के लोगों को आर्थिक मदद, सरकारी नौकरी और सुरक्षा की मांग की। कहा कि घटना की जिम्मेदारी लेते हुए भाजपा सरकार पदत्याग करे।

रविवार को घटनास्थल पर गई टीम में माले राज्य समिति सदस्य सुनील मौर्य, एक्टू राज्य सचिव अनिल वर्मा, अन्तस सर्वानंद, आइसा नेता विवेक, मनीष व विकास शामिल थे।