लखनऊ: उमर खालिद को दिल्ली दंगे में बिना किसी सबूत के फंसाने और उसे दस दिन तक पुलिस रिमांड पर लेने का ऑल इंडिया पीपुल्स फ्रंट के राष्ट्रीय प्रवक्ता और पूर्व आईजी एसआर दारापुरी ने विरोध किया है.

उन्होंने प्रेस को जारी अपने बयान में कहा कि उमर खालिद दिल्ली दंगे की जांच में लगातार दिल्ली पुलिस का सहयोग कर रहे थे और जब भी उन्हें पुलिस द्वारा अपना बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया जा रहा था वह लगातार उसमें जाते थे. तब ऐसे में न्यायालय में पुलिस रिमांड की मांग करना औचित्यहीन है. यह और कुछ नहीं बल्कि पुलिस कस्टडी में उसका उत्पीड़न करना और उसके ऊपर जुल्म ढाना है. यह सब जानते हैं कि पुलिस कस्टडी में पुलिस अभियुक्त का सभी प्रकार का उत्पीडन करती है.

दारापुरी ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भारतीय जनता पार्टी की सरकार अंदर से बेहद डरी हुई है और वह पुलिस और प्रशासन के बल पर दमन ढा कर अपने राजनैतिक वैचारिक विरोधियों की आवाज दबाना चाहती है. इसके विरूद्ध आईपीएफ देशभर की लोकतंत्र पसंद ताकतों के साथ मिलकर इसे राजनीतिक मुद्दा बनाएगा.

उन्होंने दिल्ली पुलिस से कहा कि लोकतंत्र की मजबूती के लिए पुलिस और प्रशासन का निष्पक्ष रहना बेहद जरूरी है. सरकारें आती और जाती रहती हैं यदि पुलिस महज सरकार के इशारे पर काम करने लगे तो लोगों को न्याय मिलना ही असंभव हो जाएगा और यह लोकतांत्रिक प्रणाली से उनके विश्वास को कमजोर करेगा. इसलिए दिल्ली पुलिस को तत्काल अपने निर्णय पर पुनर्विचार करना चाहिए और दिल्ली दंगों में राजनीतिक कार्यवाही करने वाले लोगों को आपराधिक मुकदमों में फसाने की कार्यवाही पर रोक लगानी चाहिए.