नई दिल्ली: भारत के लिए अंडर-19 विश्व कप में मुख्य भूमिका निभाने वाले युवा तेज गेंदबाज कमलेश नागरकोटी चोटों से जूझते रहे हैं। उनको सीजन 2018 में कोलकाता नाइटराइडर्स की टीम ने 3.2 करोड़ रुपए की रकम देकर खरीदा था लेकिन इस गेंदबाज का डेब्यू नहीं हो पाया। राजस्थान के इस तेज गेंदबाज को अब यकीन है कि वे इस सीजन में केकेआर की ओर खेल सकेंगे।

लगातार चोट के चलते टीम से बाहर होना और करियर में उतार-चढ़ाव देखना किसी भी खिलाड़ी के लिए आसान नहीं होता। नागरकोटी ने बताया कि उन्होंने इस मुश्किल समय में सुबह उठकर ध्यान और योगा पर समय दिया क्योंकि इससे दिमाग ताजा और सकारात्मक रहता है।

उन्होंने बताया है कि इस दौर से जूझने वाले तेज गेंदबाजों आशीष नेहरा और वरुण आरोन से भी उन्होंने बात की क्योंकि चोट के कारण एक गैप के बाद सबसे ज्यादा मायने यह रखता है कि आप कितने मजबूत होकर वापसी कर पाते हैं। और ये दोनों सीनियर तेज गेंदबाज भी कमोबश ऐसी ही परिस्थितियों से जूझ चुके हैं।

“सबसे पहले, मैं केकेआर की कितनी प्रशंसा करता हूं, यह उतनी ही कम होगी। क्योंकि मैंने (केकेआर के सीईओ) वेंकी (मैसूर) सर के साथ कितना कुछ देखा है और मैंने किसी भी स्टाफ के साथ बातचीत की है, मैं इसके बारे में बहुत अच्छा महसूस करूंगा क्योंकि वे हमेशा मुझे यह कहते हुए प्रेरित करते कि ‘अगर अब कुछ नहीं होता है, तो आप अगले साल खेलेंगे। इसलिए यह मुझे अपने आप को मजबूत बनाने के लिए प्रेरित करता था और मुझे वास्तव में अच्छी क्रिकेट खेलने को मिलेगी।

“जब हर खिलाड़ी कमजोर या बुरे दौर से गुजर रहा होता है और उसे क्रिकेट खेलने को नहीं मिलता है, साथ ही उसके पास तीन-चार साल का गैप हो चुका होता है, वह उदास हो सकता है यहां तक की डिप्रेशन में भी जा सकता है। यह महत्वपूर्ण है कि आप इन कठिन समय में खुद को बनाए रखें, आपके पास एक सहायता प्रणाली है, जिससे कि वास्तव में अच्छा महसूस हो। जैसे कि उन समय में केकेआर की टीम मेरे लिए थी।”