नई दिल्ली: सोमवार से शुरू होने वाला लॉकडाउन-4 ज्यादा लचीला होगा और इसमें ज्यादा रियायतें मिलने जा रही हैं। इसमें धीरे-धीरे रेलवे और घरेलू उड़ानें शुरू होंगी। राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को भी उनके हॉटस्पॉट को परिभाषित करने के लिए अधिकार दिए जाएंगे। शुक्रवार को अधिकारियों ने कहा कि रेड जोन में स्कूल, कॉलेज, मॉल और सिनेमा हॉल को देश में कहीं भी खोलने की अनुमति नहीं दी जाएगी, लेकिन सैलून, नाई की दुकानें और चश्मे दुकानों को अनुमति दी जा सकती है। लॉकडाउन-4 में ग्रीन जोन लचीला होगा और काफी रियायतें मिलेंगी। यहां लगभग सभी चीजों को खोल दिया जाएगा जबकि ऑरेंज जोन में सीमित अंकुश रहेगा लेकिन रेड जोन में कड़े प्रतिबंध रहेंगे।

हालांकि, गृह मंत्रालय द्वारा अंतिम दिशानिर्देश राज्य सरकारों के सुझावों के बाद ही जारी किए जाएंगे। राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों को शुक्रवार तक अपनी सिफारिशें सौंपने के लिए कहा गया है। अधिकारियों के अनुसार, पंजाब, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, असम और तेलंगाना चाहते थे कि लॉकडाउन को जारी रखा जाए। कुछ राज्य कोविड19 की स्थिति के अनुसार जिलों को ग्रीन, ऑरेंज और रेड जोन तय करने की शक्तियां चाहते थे।

अधिकारी ने बताया कि राज्य सरकारों के इस अनुरोध को स्वीकार किया जा सकता है ताकि वे जमीनी स्थिति के आधार पर किसी विशेष स्थान पर लोगों या आर्थिक गतिविधियों की आवाजाही को अनुमति दे सकें या प्रतिबंधित कर सकें। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा था कि लॉकडाउन 4.0 में नए नियमों के साथ “पूरी तरह से अलग रूप” होगा।

अधिकारी ने कहा, “कोई भी राज्य लॉकडाउन को पूरी तरह से वापस नहीं लेना चाहता है, सभी धीरे-धीरे आर्थिक गतिविधियों को फिर से शुरू करना चाहते हैं।” रेलवे और घरेलू एयरलाइनों के क्रमिक और जरूरत-आधारित संचालन अगले सप्ताह से होने की संभावना है, लेकिन दोनों पूर्ण रूप से खुलने की संभावना नहीं है।

अधिकारी ने कहा कि बिहार, तमिलनाडु, कर्नाटक कुछ ऐसे राज्य थे, जो कम से कम मई-अंत तक ट्रेन और हवाई सेवाओं को फिर से शुरू करने के पक्ष में नहीं थे। रेलवे ने पहले ही दिल्ली से 15 गंतव्यों के लिए विशेष ट्रेनें शुरू कर दी हैं और लॉकडाउन के कारण फंसे प्रवासी श्रमिकों के परिवहन के लिए देश के विभिन्न हिस्सों से ‘श्रमिक स्पेशल’ ट्रेनें चला रहा है।

एयर इंडिया भी ‘वंदे भारत मिशन’ के तहत बंद के दौरान विदेशों में फंसे हजारों भारतीयों को निकालने में लगी हुई है। लोकल ट्रेन, बसें और मेट्रो सेवाएं नॉन कंटेनमेंट जोन मे सीमित क्षमता के साथ शुरू हो सकती हैं। ऑटो और टैक्सियों को भी यात्रियों की संख्या पर प्रतिबंध के साथ रेड जोन में अनुमति दी सकती है।

एक अन्य अधिकारी ने कहा कि इनमें से अधिकांश सेवाओं को नॉन कंटेनमेंट जोन जिलों के भीतर अनुमति दी जाएगी और इसके लिए राज्य सरकारों को अधिकृत किया जाएगा। ऑरेंज और रेड जोन में बाजार खोलने की शक्तियां राज्य सरकारों को दी जा सकती हैं, जो गैर-जरूरी सामान की दुकानों को खोलने की अनुमति देते समय ऑड-ईवन पॉलिसी का पालन कर सकती हैं।

ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म को रेड जोन में भी गैर-आवश्यक वस्तुओं को पहुंचाने की अनुमति दी जा सकती है, लेकिन इसमें कंटेनमेंट क्षेत्र शामिल नहीं हैं। ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा गैर-आवश्यक वस्तुओं की बिक्री को पहले से ही ग्रीन और ऑरेंज जोन में अनुमति दी गई है।

महाराष्ट्र सरकार मुंबई, उसके उपनगरों और पुणे में सख्त लॉकडाउन उपायों और किसी भी तरह के अंतर-राज्य और अंतर-जिला परिवहन नहीं चाहती है। गुजरात प्रमुख शहरी केंद्रों में आर्थिक गतिविधियों को फिर से शुरू करना चाहता है। जो राज्य आर्थिक गतिविधियों को खोलने के पक्ष में हैं उनमें दिल्ली, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और केरल भी शामिल हैं।