• टीका लगते ही बिगड़ी हालत
  • स्वास्थ्य अधिकारियों ने कही जांच की बात
  • परिजनों का हंगामा, सीएमओ शामली से

नई दिल्ली: एक तरफ उत्तर प्रदेश में कोरोना महामारी अपने शबाब पर है, सरकार कोरोना कर्फ्यू जैसे क़दम उठा रही है वहीँ कोरोना मामलों की तरह लापरवाई भी अपने चरम पर है. प्रदेश में वैक्सीनेशन अभियान किस रूप में चल रहा है इसका अंदाज़ा आप शामली की एक घटना से लगा सकते हैं जहाँ एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में तीन वृद्ध महिलाओं को कोरोना के टीका की जगह रैबिज का टीका लगा दिया।

वृद्ध महिलाओं को रैबीज़ का टीका लगने के बाद उनकी तबीयत बिगड़ गई। जब परिवार को इस स्वास्थ्य केंद्र की इस हरकत के बारे में पता चला तो वहां पर उन्होंने हंगामा मचा दिया। मामले की गंभीरता को देखते हुए स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा कि जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी।

दरअसल गरुवार को कस्बे के मोहल्ला सरावज्ञान निवासी सरोज रेलवे मंडी निवासी अनारकली और सत्यवती सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोरोना टीका लगवाने पहुंची । वहां पर मौजदू कर्मचारियों ने उन्हें 10-10 रुपए की सिरींज मंगवाकर उन्हें कोरोना के टीके की जगह एंटी रैबिज का इंजेक्शन लगा दिया जिसके बाद रास्ते में उनमें से एक महिला की हालत बिगड़नें लगी।

जब महिला को तेज चक्कर आने लगा तो उसे एक निजी अस्पताल में ले जाया गया । जहां पर उन्होंने उस स्वास्थ्य केंद्र की पर्ची दिखाई जिसमें कोरोना टीका लगने की डिटेल दर्ज थी। जब निजी डॉक्टर ने उस पर्ची को देखा तो वो भी हैरान रह गया। डॉक्टर ने उस महिला से कहा कि इन्हें कोरोना का नही बल्कि रैबिज का टीका लगाया गया है। स्वास्थ्य केंद्र की इस हरकत के बाद वृद्ध महिला के परिजन काफी गुस्से में हैं और हंगामा करते हुए सीएमओ शामली से केंद्र की शिकायत करते हुए कार्रवाई की मांग की है।