• रिमझिम इस्पात फैक्ट्री प्रबंधन ने राठ के 22 मरीजों को पोषण किट बांटी
  • पोषण किट मिलने से आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों के चेहरे खिल उठे
  • सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र राठ में हुआ पोषण किट वितरण कार्यक्रम

हमीरपुर
टीबी रोग से ग्रसित मरीजों के सिर पर औद्योगिक घरानों ने भी हाथ रखने शुरू कर दिया हैं। इसी क्रम में बुधवार को टीबी रोग से ग्रसित राठ तहसील के मरीजों के बीच रिमझिम इस्पात फैक्ट्री का प्रबंध तंत्र पहुंचा। सभी मरीजों को पोषण किट वितरित कर उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना की।

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र राठ में आयोजित हुए पोषण वितरण किट कार्यक्रम में जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ.महेशचंद्रा ने बताया कि जनपद में टीबी रोगियों को अच्छे से अच्छा उपचार मुहैया कराया जा रहा है। एक्सडीआर टीबी जैसे मरीज भी यहां उपचारित किए गए है और आज स्वस्थ जीवन जी रहे हैं। उन्होंने टीबी मरीजों से खानपान का विशेष ध्यान रखने और नशे से दूरी बनाए रखने की अपील की। इस मौके पर फैक्ट्री के एचआर मैनेजर मनोज गुप्ता ने कहा कि फैक्ट्री प्रबंधन आगे भी इस प्रकार के कार्यक्रम करेगा। उन्होंने टीबी मरीजों को उपचार में भी मदद का आश्वासन दिया। कुल 22 मरीजों को पोषण किटें प्रदान की गई। पोषण किट मिलने से मरीजों के चेहरे भी खिल गए। इनमें कुछ मरीज आर्थिक रूप से बेहद कमजोर थे। पोषण किट मिलने पर ऐसे मरीज दुआएं देते हुए अपने घरों को लौट गए। पोषण किट में मूंगफली, चना, गुड़, सत्तू, गजक सहित कुछ सप्लीमेंट हैं, जो स्वास्थ्य के लिए लाभदायक हैं। इस मौके पर सीएचसी राठ के एमओआई डॉ.अजय चौरसिया, डॉ.सत्येंद्र, डीपीसी राजेंद्र प्रसाद, एसटीएस राजेश पाण्डेय, एसटीएलएस सर्वेश कुमार आदि मौजूद रहे।

बता दें कि केंद्र सरकार ने वर्ष 2025 तक देश को टीबी मुक्त करने की मुहिम शुरू की है। टीबी मरीजों को खोज-खोजकर इलाज किया जा रहा है। इसी मुहिम के तहत टीबी मरीजों को गोद लेने का भी कार्यक्रम शुरू हुआ है। इसमें जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ-साथ समाजसेवी संस्थाओं और उद्योगपतियों की मदद ली जा रही है। पिछले दिनों जिला स्तरीय बैठक में टीबी मरीजों को ऐसे ही लोगों के सुपुर्द किया गया था, ताकि समय-समय पर ऐसे मरीजों को पोषण मुक्त खाद्य सामग्री व अन्य जरूरतें पूरी होती रहे।

टीबी के आंकड़ों पर एक नजर
वर्ष 2020 में जनपद में टीबी के 1825, एमडीआर टीबी के 66 और एक्सडीआर के 6 मरीज मिले थे। 2021 में टीबी के 2037, एमडीआर टीबी के 37 और एक्सडीआर के 7 मरीज मिले। वर्ष 2022 में अब तक टीबी के 215 और एमडीआर के 3 मरीज मिल चुके हैं।