टीम इंस्टेंटखबर
तमिलनाडु के तंजावुर जिले में एक मंदिर का रथ बिजली के तार के संपर्क में आ गया, इस दुर्घटना में 11 लोगों की मौत हो गई है और 15 अन्य लोग घायल हुए हैं.

घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची है. मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि जो लोग बिजली की चपेट में आए हैं, उनमें बच्चे भी शामिल हैं. पुलिस का कहना है कि घटना बुधवार सुबह हुई है.

पुलिस ने बताया कि घटना उस वक्त हुई है, जब लोग जिस मंदिर की पालकी के साथ खड़े थे, वह कालीमेडु के अप्पर मंदिर में एक हाई-ट्रांसमिशन लाइन के संपर्क में आ गई. जिसके बाद तुरंत आग लग गई.

अधिकारियों ने बताया, ‘ऊपर की तरफ से लाइन के संपर्क में आने के कारण मंदिर की पालकी को वापस मुड़ते समय दिक्कतों का सामना करना पड़ा था.’ उन्होंने बताया कि जिन लोगों की मौत हुई है, उनमें दो बच्चे भी शामिल हैं. जबकि तीन लोग बुरी तरह झुलस गए हैं. जिन्हें इलाज के लिए तंजावुर मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है.

तिरुचिरापल्ली सेंट्रल जोन के इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस वी बालकृष्ण का कहना है, ‘मामले में केस दर्ज कर लिया गया है और जांच चल रही है.’ घटना का वीडियो भी सामने आया है, जिसमें रथ पूरी तरह क्षतिग्रस्त दिखाई दे रहा है.

वहीं इस त्योहार की बात करें, तो इसका आयोजन तमिलनाडु में हर साल होता है. हर साल बड़ी संख्या में लोग इसमें हिस्सा लेते हैं. ऐसे में अब लोगों की सुरक्षा को लेकर सवाल उठ रहे हैं कि आखिर वहां लाइव वायरस कैसे आया. और कैसे रथ उसकी चपेट में आ गया.

जानकारी के मुताबिक, यहां 26 अप्रैल को 94वां अप्पर गुरुपूजाई (भगवान अयप्पा का त्योहार) मनाया जा रहा था. कार्यक्रम में आसपास के इलाके के लोगों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया. ये सभी लोग रथ के साथ गलियों से गुजर रहे थे, उसी दौरान रथ लाइव वायरस की चपेट में आया.

हादसे के पीड़ितों के लिए केंद्र और राज्य सरकार ने मुआवजे का ऐलान किया है. तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये की मदद देने की घोषणा की है. वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीएमएनआरएफ से मृतकों के परिजनों को 2 लाख रुपये देने और घायलों को 50 हजार रुपये की मदद देने का ऐलान किया है.