नई दिल्ली: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय पर कोरोना की दूसरी लहर यमराज बनकर आई है। शनिवार को एएमयू विधि संकाय के डीन प्रोफेसर शकील समदानी की अलीगढ़ के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में कोरोना के इलाज के दौरान मौत हो गई। पिछले 18 दिनों में यहां 34 कार्यरत प्रोफेसरों की कोविड-19 से मौत हो चुकी है।

प्रोफेसर शकील समदानी की मौत
प्रोफेसर शकील समदानी ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की कार्यकारी समिति के सदस्य थे। उन्हें 10 दिन पहले जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में कोरोना वार्ड में भर्ती कराया गया था। प्रोफेसर समदानी डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर से भी पीड़ित थे।


यह लोग बन चुके का कोरोना का शिकार
इसके अलावा 20 अप्रैल को भी यहां एक प्रोफेसर की मौत हुई थी। सभी मृत प्रोफेसर अलीगढ़ शहर के अलग-अलग इलाके के रहने वाले थे। इससे पहले चिकित्सा विभाग के अध्यक्ष 58 वर्षीय प्रोफेसर शादाब अहमद खान और कंप्यूटर विभाग के 55 वर्षीय प्रोफेसर रफीकुल ज़मान खान ने कोरोना वायरस के चलते दम तोड़ दिया था। उसी वक्त कुलपति तारिक़ मंसूर के भाई उमर फारूख की भी कोरोना से मौत हो गई। वह यूनिवर्सिटी कोर्ट के पूर्व सदस्य और मोहम्मडन शैक्षिक सम्मेलन के सदस्य थे।

आईसीएमआर को VC ने लिखा पत्र
कोविड-19 से हुई इन मौतो के बाद एएमयू की वीसी तारिक़ मंसूर ने भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के महानिदेशक को एक पत्र लिखा जिसमें उन्होंने बताया कि एएमयू में पिछले 18 दिनों में कोरोना से 16 सेवारत और 18 सेवानिवृत्त शिक्षक दम तोड़ चुके हैं।

विशेष वैरिएंट की आशंका
अपने पत्र में उन्होने बताया कि ऐसी संभावना है कि एएमयू परिसर और आस-पास के इलाकों में एक विशेष वैरिएंट हो सकता है जिसके कारण ये मौतें हो रही हैं। उन्होंने विश्वविद्यालय और उसके आसपास के वातावरण में वायरस के स्वरूपों की जांच करने का अनुरोध किया।