अगर अपराधियों की गिरफ्तारी नहीं हुई तो हम अपनी गिरफ्तारी देंगे: मौलाना कल्बे जवाद
लखनऊ
करबला अब्बास बाग़ और हुसैनाबाद ट्रस्ट की संपत्तियों पर जारी अवैध कब्जों और इमामे जुमा मौलाना कल्बे जवाद नक़वी पर ज़मीन माफियाओं द्वारा किए गए हमले के विरोध में करबला अब्बास बाग ठाकुरगंज में एक विरोध सभा का आयोजन किया गया, जिसमें विभिन्न धर्म और समुदाय के लोग शामिल हुए। सभा में हिन्दू-मुस्लिम और शिया-सुन्नी एकता का शानदार प्रदर्शन हुआ और उन लोगों को करारा जवाब दिया गया जो सांप्रदायिकता और धार्मिक नफरत को बढ़ावा देना चाहते थे। सभी प्रतिभागियों ने ज़मीन माफियाओं के हमले और वक्फ संपत्तियों पर हो रहे अवैध निर्माण की निंदा करते हुए मौलाना पर हुए हमले के अपराधियों की तत्काल गिरफ्तारी की माँग की।
सभा की शुरुआत क़ारी सगीर अहमद ने कुरआन शरीफ़ की तिलावत से की। इसके बाद सभा का औपचारिक आरंभ हुआ।
सुन्नी आलिम मौलाना अकरम नदवी ने वहदत-ए-इस्लामी (इस्लामी एकता) की अहमियत पर तक़रीर करते हुए कहा कि हालात की गंभीरता को समझते हुए हमें अपने नेतृत्व को मज़बूत करना होगा। यह वक्त आपसी मतभेद और बिखराव का नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार को मौलाना कल्बे जवाद नकवी की माँगों पर विचार करना चाहिए और उन पर हमला करने वालों को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर जेल भेजा जाना चाहिए।
AIMIM के प्रदेश अध्यक्ष हाजी शौकत अली ने कहा कि मुसलमानों को अपने सारे मतभेद भुलाकर एकजुट होना होगा यही वक्त की ज़रुरत है। उन्होंने बताया कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी “तहफ़्फ़ुज़-ए-औकाफ़” (वक्फ की रक्षा) की इस मुहिम में मौलाना कल्बे जवाद नकवी के साथ हैं और जब भी ज़रूरत होगी, वह लखनऊ आने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि औकाफ़ (वक्फ संपत्तियाँ) हमारी मिलकियत हैं, हम इन्हें लुटता नहीं देख सकते। हमारी तक़दीर का फैसला कोई सियासतदां नहीं करेगा, हमें राजनीतिक रूप से जागरूक होना पड़ेगा ताकि जिस सदन से हमारी बरबादी के लिए कानून बनाए जाते हैं, उन ताक़तों के खिलाफ लड़ा जा सके। उन्होंने कहा कि जब भी मौलाना कल्बे जवाद साहब हमें न्याय की इस लड़ाई में बुलाएंगे, हम कभी पीछे नहीं हटेंगे।
AIMIM के सदस्य शेख ताहिर अली सिद्दीकी ने कहा कि भारतीय संविधान ने हमें अपने वक़्फ़ की रक्षा का अधिकार दिया है, और जो लोग वक़्फ़ सम्पत्तियों पर नज़र गड़ाए बैठे हैं, उनके खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ी जाये। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार में मुसलमानों के ख़िलाफ़ अन्याय बढ़ता जा रहा है, इसलिए अब हमें एकजुट होकर ज़ुल्म का मुकाबला करना होगा। उन्होंने कहा कि हम इस वक़्फ़ आंदोलन में मौलाना के साथ हैं। मौलाना पर हमला करने वालों को गंभीर धाराओं के तहत तुरंत गिरफ्तार किया जाना चाहिए।
राष्ट्रीय मतदाता पार्टी के सदस्य शेख सीराज बाबा ने कहा कि मौलाना कल्बे जवाद सिर्फ शियों के आलिम नहीं हैं, बल्कि सुन्नी भी उनका बहुत सम्मान करते हैं। हम किसी भी हाल में उनकी बेअदबी बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने मौलाना पर हमला किया, उनकी जांच होनी चाहिए कि वो कौन हैं और किसके इशारे पर ऐसा कर रहे थे। उन्होंने सरकार और जिला प्रशासन से अपराधियों की गिरफ्तारी की मांग करते हुए कहा कि मौलाना की माँगों पर गंभीरता से ध्यान दिया जाना चाहिए।
मौलाना सरताज हैदर ज़ैदी ने हुसैनाबाद ट्रस्ट और वक़्फ़ संपत्तियों पर जारी अवैध कब्जों की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि अब जागने का वक्त है, वरना बहुत देर हो जाएगी। अपनी संपत्तियाँ लुटने से पहले जागिए और अपने लीडर की आवाज़ पर “लब्बैक” कहिए। उन्होंने कहा कि हुसैनाबाद ट्रस्ट में भारी भ्रष्टाचार चल रहा है और यह मसअला बहुत गंभीर है।
भीम आर्मी के मंडल अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह ने कहा कि जिन्होंने मौलाना पर हमला किया, उन्हें तुरंत गिरफ्तार कर जेल भेजा जाए। उन्होंने कहा कि भीम आर्मी मौलाना के साथ है और जब भी वे इशारा करेंगे, हम पूरी ताकत से उनके साथ खड़े होंगे।
शिया वक्फ बोर्ड के सदस्य मौलाना रज़ा हुसैन रिज़वी ने कहा कि 13 अक्टूबर को मौलाना पर हुआ हमला बेहद निंदनीय है। अफ़सोस की बात यह है कि पुलिस ने एफ.आई.आर तो दर्ज की, लेकिन अपराधियों को अभी तक सख्त धाराओं में गिरफ्तार नहीं किया गया। उन्होंने मांग की कि अपराधियों को तुरंत पकड़ा जाए और करबला अब्बास बाग की ज़मीन पर बनी अवैध इमारतों को वक़्फ़ करबला अब्बास बाग़ को वापस किया जाए।
पूर्व जस्टिस बी.डी. नकवी ने मौलाना कल्बे जवाद पर हुए हमले की निंदा करते हुए अपराधियों की गिरफ्तारी की माँग की। उन्होंने कहा कि हमें एकजुट होकर ज़ुल्म के खिलाफ खड़ा होना होगा।
अंत में मौलाना सैय्यद कल्बे जवाद नक़वी ने प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए एकता की अपील की। उन्होंने कहा हमें ऐसा समंदर बनना है जिसमें ज़ुल्म की हर नाव डूब जाए। उन्होंने कहा कि जो लोग फ़िलिस्तीन, लेबनान और यमन के मज़लूमों के लिए आवाज़ नहीं उठा सके उनसे यह उम्मीद नहीं की जा सकती कि वे हमारे साथ हुए अन्याय के खिलाफ बोलेंगे। जिन्होंने “वक्फ बिल” पर चुप्पी साधी, वो वक्फ संपत्तियों की लूट पर भी घरों से बाहर नहीं निकलेंगे।हुसैनाबाद ट्रस्ट को लूट लिया गया लेकिन किसी ने भी जिलाधिकारी के खिलाफ एक बयान तक नहीं दिया, आंदोलन में शामिल होना तो दूर की बात है। मौलाना ने 13 अक्टूबर के हमले का ज़िक्र करते हुए कहा कि जिला प्रशासन का रवैया पक्षपातपूर्ण था, पुलिस सिर्फ हमारा वीडियो बना रही थी, लेकिन अपराधियों का पुलिस ने कोई वीडियो नहीं बनाया। उन्होंने कहा कि अगर अपराधियों को गिरफ्तार नहीं किया गया, तो हम थाना घेरकर अपनी गिरफ्तारियाँ देंगे। जब तक वक्फ संपत्तियों की वापसी नहीं होती और अवैध निर्माण नहीं रुकते, हम अपना विरोध जारी रखेंगे। उन्होंने बताया कि हुसैनाबाद ट्रस्ट में जारी भ्रष्टाचार के खिलाफ हम कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं और हमें इसमें सफलता के संकेत मिल रहे हैं, इंशाअल्लाह पूरी कामयाबी भी मिलेगी। मौलाना ने बताया कि ज़मीन माफियाओं ने अपने गुंडे भेजे थे जिन्होंने गाड़ी को घेरकर गालियाँ दीं और ऐसी ऐसी बातें कहीं जिन्हें यहाँ बयान नहीं किया जा सकता। इसलिए हमारी मांग है कि वाक़िये की जाँच करके उचित करवाई की जाये और उन्हें जेल भेजा जाये।
मौलाना कल्बे जवाद नक़वी की तक़रीर के दौरान हमले की एक छोटी सी क्लिप भी दिखाई गयी जिसमें ज़मीन माफियाओं के गुंडे धार्मिक नारे लगाकर मामले को हिन्दू-मुस्लिम रंग देने की कोशिश कर रहे थे और मौलाना व उनके साथियों से बदसलूकी कर रहे थे। लोग भड़क न जाएं इसलिए सभा में पूरा वीडियो नहीं दिखाया गया, लेकिन पुलिस को पूरा वीडियो सौंप दिया गया है।
सभा को मौलाना तफ़सीर हुसैन, मौलाना शबाहत हुसैन, डॉ. हैदर मेहदी, आमिर साबरी, मौलाना मंज़र अली आरफ़ी, मीसम रिज़वी और अन्य वक्ताओं ने भी संबोधित किया।
सभा में मौलाना रज़ा हुसैन रिज़वी, मौलाना तसनीम मेहदी ज़ैदपुरी, मौलाना मुहम्मद इब्राहीम, मौलाना क़मरुल हसन, मौलाना फ़ैज़ अब्बास मशहदी, मौलाना शाहनवाज़ हैदर, मौलाना सरताज हैदर, मौलाना मोहम्मद मूसा, मौलाना नज़र अब्बास ज़ैदी, मौलाना हसन जाफ़र, मौलाना आदिल फ़राज़, मौलाना फ़िरोज़ हुसैन, मौलाना क़ुर्बान अली, मौलाना असगर मेहदी, मौलाना ग़ज़नफ़र नवाब, मौलाना ज़व्वार हुसैन, मौलाना रिज़वान हैदर सहित कई अन्य उलमा मौजूद रहे।
कार्यक्रम का संचालन (निज़ामत) सारिम मेहदी ने किया।








