हमीरपुर:
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मुस्करा में अपर निदेशक (स्वास्थ्य) की अगुवाई में डॉक्टरों की टीम ने जनपद में पहली बार दूरबीन विधि से इच्छुक महिलाओं की नसबंदी की। हालांकि यह इतना आसान भी नहीं था। महिलाएं पहले इसके लिए राजी नहीं थी, जिनकी अपर निदेशक ने स्वयं काउंसिलिंग की, इसके बाद नसबंदी शुरू हुई। गुरुवार की शाम तक एक दर्जन महिलाओं की नसबंदी की गई।

परिवार नियोजन के स्थाई साधनों में नसबंदी प्रमुख माना जाता है। अभी तक नसबंदी पुराने तरीके (मिनी लैप) से होती रही है, जिसमें महिलाओं को तीन टांकें भी लगाए जाते थे। इस विधि में थोड़ी तकलीफ भी होती थी, लेकिन अब दूरबीन विधि (लैप्रो स्कोपी) का प्रयोग होना शुरू हो गया, जिसमें सिर्फ एक टांका लगाया जाता है और तकलीफ भी कम होती है।

गुरुवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मुस्करा में दूरबीन विधि से नसबंदी का कैंप का आयोजन किया गया। चित्रकूटधाम मंडल बांदा से आए अपर निदेशक स्वास्थ्य डॉ.वीपी द्विवेदी ने स्वयं कमान संभाली। आशा कार्यकर्ताओं द्वारा क्षेत्र से करीब एक दर्जन इच्छुक महिलाओं को नसबंदी कराने को लाया गया था, लेकिन जैसे ही महिलाओं को पता चला कि नसबंदी में दूरबीन विधि का प्रयोग होगा, इसमें कुछ ने असहजता जताई। लिहाजा अपर निदेशक ने सभी महिलाओं की काउंसिलिंग की और उन्हें आश्वस्त किया कि दूरबीन विधि से सफल ऑपरेशन हुए हैं और आगे भी सफल ही होंगे। उन्होंने महिलाओं की शंकाओं का समाधान कर उन्हें नसबंदी कराने को तैयार किया। शाम तक सभी एक दर्जन महिलाओं के सफलतापूर्वक नसबंदी की गई।

सरीला ब्लाक के पचखुरा गांव की किरन और भेड़ीडांडा की सरिता का कहना था कि उनके मन में तमाम सवाल और शंका थी, लेकिन डॉक्टरों ने सभी का समाधान कर दिया और बड़ी आसानी से नसबंदी भी हो गई।