दिल्ली:
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ने गुरुवार को अडानी ग्रुप की तीन कंपनियों को ASM यानी एडिशनल सर्विलांस मार्जिन फ्रेमवर्क में डालने का ऐलान किया है। इन तीन कंपनियों में अडानी एंटरप्राइजेज, अडानी पोर्ट और अंबुजा सीमेंट शामिल हैं। इसका मतलब यह है कि इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए भी 100% अपफ्रंट मार्जिन की जरूरत होगी और इससे शॉर्ट सेलिंग पर अंकुश लगेगा। इस कदम का मकसद अडानी ग्रुप के शेयरों में उतार-चढ़ाव को कम करना है, इसके साथ ही अब इन शेयरों पर निगरानी भी बढ़ जाएगी। यह नया नियम शुक्रवार, 3 फरवरी, 2023 से लागू होगा।

बता दें कि हिंडनबर्ग रिसर्च के सामने आने के बाद पिछले कुछ दिनों में अडानी ग्रुप के शेयरों में तेजी से गिरावट देखने को मिली है। जिसके बाद स्टॉक एक्सचेंज ने यह कदम उठाया है। अडानी ग्रुप को अब तक 100 अरब डॉलर से ज्यादा का नुकसान हो चुका है।

बता दें कि सेबी और मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंजों ने 2018 में एडिशनल सर्विलांस मेजर्स (ASM) की शुरुआत की थी। ASM लिस्ट सिक्योरिटीज की एक ऐसी लिस्ट है, जिस पर मूल्य में उतार-चढ़ाव, वॉल्यूम वेरिएशन आदि के चलते निगरानी रखी जाती है। एनएसई ने अपनी वेबसाइट पर ASM फ्रेमवर्क को लेकर कहा, ऑब्जेक्टिव पैरामीटर्स जैसे प्राइस / वॉल्यूम वेरिएशन, उतार-चढ़ाव आदि के आधार पर निगरानी के लिए सिक्योरिटी पर एडिशनल सर्विलांस मेजर्स (ASM) होंगे। इसके अलावा, स्टॉक एक्सचेंज ने यह भी कहा कि ASM के तहत सिक्योरिटीज की शॉर्टलिस्टिंग निगरानी के लिए है, और इसे संबंधित कंपनी/एंटिटी के खिलाफ कार्रवाई के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। ASM लिस्ट में शामिल किए जाने के बावजूद इसका कंपनी के उन एक्शन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है.